Monday, July 2, 2012

Dead & Buried (1981)


डेड एंड बरीड
रिलीज़ वर्ष - 1981
निर्देशक - गैरी शर्मन
निर्माता - रॉबर्ट फ़ेंट्रेस, रिचर्ड सेंट जॉन्स, रोनाल्ड शसेट
कलाकार - जेम्स फ़ैरेंटीनो, जैक एल्बर्टसन,  मेलोडी एंडरसन आदि.

'डेड एंड बरीड' 1981 में बनी एक हॉरर फ़िल्म है, जिसे आज भी हॉरर जगत में बड़े सम्मान से देखा जाता है। कल्ट फ़िल्मों (वर्ग विशेष में लोकप्रिय फ़िल्में) के जादूगर गैरी शर्मन ने वाइस स्क्वाड, पोल्टरगाइस्ट 3 जैसी अन्य सफल फ़िल्मों का भी निर्देशन किया, लेकिन 'डेड एंड बरीड' इनसे बहुत अलग है। दरअसल 'डेड एंड बरीड' की कहानी अपने समय के लिहाज़ से बहुत उन्नत है, और वह परिकल्पना, जिस पर यह आधारित थी, अपने ढंग की शायद पहली परिकल्पना थी। मैं स्वयं ऐसी हॉरर फ़िल्मों को ज़्यादा प्राथमिकता देता हूँ, जो वातावरण से मन में भय उत्पन्न करती हैं, और शायद यही कारण है कि मैं साल में कम-से-कम 20 बार इस फ़िल्म को अवश्य देखता हूँ। इस फ़िल्म की ख़ूबी यह है कि इसकी पूरी कहानी पर अस्सी के स्वर्णिम दशक की गाथा लिखी हुई है। इसका हर पहलू हमें याद दिलाता है, कि अस्सी के दशक का हॉरर-जगत में क्या महत्व था। जहाँ आजकल की हॉरर फ़िल्मों में स्पेशल इफ़ेक्ट्स का बोलबालाहै, और डर के लिए क्रूरता को ही एकमात्र हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है, वहीं गैरी शर्मन की 'डेड एंड बरीड' नवोदित निर्देशकों को शिक्षा देती लगती है कि भय के लिए बेहिसाब क्रूरता, बर्बरता और यातना की ज़रूरत नहीं है।

कथा-संक्षेप

अमेरीका के न्यू इंग्लैंड प्रांत के समुद्र तट पर बसा एक शांत कस्बा पॉटर्स ब्लफ़। पॉटर्स ब्लफ़ मध्यम वर्गीय लोगों का छोटा-सा धुंध से भरा सुहावना नगर है। यहीं एक रोज़ एक फ़ोटोग्राफ़र (क्रिस्टोफ़र ऑलपोर्ट) कुछ फ़ोटो उतारने की नीयत से समुद्र तट पर आता है। तट पर उसकी मुलाकात एक अनिद्य सुंदरी (लीज़ा ब्लॉन्ट) से होती है। दोनों एक दूसरे का नाम पूछने के बजाय एक दूसरे के नाम के बारे में अटकल लगाने लगते हैं। लड़की फ़ोटोग्राफ़र को फ़्रेडी नाम देती है, और फ़ोटोग्राफ़र उसे लीज़ा कहता है। फ़्रेडी लीज़ा की तस्वीरें उतारने लगता है, और लीज़ा उसे अपनी ओर आकर्षित करने लगती है। अचानक ही उनकी प्रेमलीला में बाधा पड़ जाती है, और हाथ में तरह-तरह के औज़ार लिए कुछ लोग वहाँ आ धमकते हैं। अचानक ही लीज़ा भी उनकी टोली में शामिल हो जाती है, और वे सब फ़्रेडी को बुरी तरह पीटने लगते हैं। मार से बेहोश फ़्रेडी को एक खंभे से बांध दिया जाता है, और टोली के कुछ लोग उस पर पेट्रोल डालकर उसे ज़िंदा जला देते हैं।

डैन जिलिस (जेम्स फ़ैरेंटीनो) पॉटर्स ब्लफ़ का टाउन इंस्पेक्टर (शेरिफ़) है। उसे जल्द ही इस हत्याकांड की सूचना मिल जाती है। कुछ बचाव कर्मी उसे बताते हैं कि उक्त व्यक्ति (फ़्रेडी) अभी ज़िंदा है, अलबत्ता वह बुरी तरह जल चुका है। डैन के साथ-साथ वहाँ पॉटर्स ब्लफ़ का मॉर्टिशियन (लाश का अंतिम संस्कार करने वाला व्यक्ति) डॉक्टर डॉब्स (जैक एल्बर्टसन) भी मौजूद है। डॉब्स पोस्टमॉर्टम करने के साथ-साथ क्षत-विक्षत लाशों को सही रूप भी देता है, और वह पॉटर्स ब्लफ़ का एकमात्र अंतिम संस्कार करने वाला व्यक्ति भी है। डैन और डॉब्स के बीच हमेशा किसी न किसी बात पर बहस छिड़ी रहती है। डॉब्स हर वक़्त डैन के समक्ष अपने काम की महानता का बखान करता रहता है, जिससे डैन को चिढ़ हो गई है।

बहरहाल, घायल व्यक्ति (फ़्रेडी) को तुरंत अस्पताल लाया जाता है, जहाँ वह डॉक्टर (जोसफ़ मेडेलिस) की सेवा में है। डैन डॉक्टर से कहता है कि इस जघन्य अपराध का पर्दाफ़ाश करने के लिए उसे उस घायल व्यक्ति के बयान की ज़रूरत है, लेकिन डॉक्टर उसे बताता है कि उक्त व्यक्ति के होंठ जल जाने के कारण वह फ़िलहाल तब तक कुछ नहीं बोल सकता, जब तक कि उसकी प्लास्टिक सर्जरी पूरी नहीं हो जाती। डॉक्टर डैन से बातचीत करने के लिए डैन को बाहर ले जाता है। वे बातचीत करते रहते हैं, और इसी बीच एक नर्स फ़्रेडी के कमरे में बेआवाज़ घुस आती है। दर्शक देखते हैं कि यह वही लड़की लीज़ा है, जो हत्यारों की टोली में शामिल थी। असहाय फ़्रेडी कुछ नहीं कर पाता, और लीज़ा उसकी आँखों में इंजेक्शन घुसेड़ देती है, और कमरे से दबे पाँव बाहर निकल जाती है। फ़्रेडी के मरते ही अलार्म बज उठता है, और डॉक्टर तथा डैन दोनों फ़्रेडी की मौत से सन्न रह जाते हैं।

डैन घूमते-फिरते उस होटल में पहुँचता है, जहाँ फ़्रेडी ठहरा हुआ था। होटल का मालिक बेन (मेकन मैक्कालमैन) डैन का परिचित है, और डैन की मदद करके ख़ुश है। पूरा कमरा छान मारने के बाद भी डैन के हाथ कुछ नहीं लगता। अचानक बेन को कुछ याद आता है और वह कहता है, "ओह...मैं बताना भूल गया, अगर इसके बारे में कुछ जानना चाहते हो, तो अपनी पत्नी से पूछो। वह उससे होटल में आकर मिली थी।"

डैन की समझ में कुछ नहीं आता। परेशान होकर वह घर चला आता है, जहाँ उसकी बीवी जेनेट (मेलोडी एंडरसन) उसका स्वागत करती है। डैन उससे उस व्यक्ति के बारे में पूछता है। उसे पता चलता है कि उस व्यक्ति का नाम जॉर्ज लेमॉयन था। जेनेट उसे बताती है कि वह जॉर्ज से स्कूली फ़ोटो के सिलसिले में मिलने गई थी। जेनेट बच्चों के स्कूल में टीचर है, और उसके अनुसार स्कूल की समिति ने जॉर्ज को बच्चों तथा स्कूल की फ़ोटो खींचने के लिए बुलाया था। कुछ राहत पाकर डैन अपने काम में फिर लग जाता है। अगले दिन उसे रास्ते में जेनेट के स्कूल के चेयरमैन दिखाई देते हैं। जेनेट के बयान की पुष्टि करने के लिए डैन चेयरमैन से जॉर्ज के बारे में पूछता है, लेकिन चेयरमैन कहते हैं कि उन्होंने कभी किसी व्यक्ति को स्कूल या बच्चों की फ़ोटो खींचने के लिए नहीं बुलाया था। डैन का मन दोबारा आशंका से भर उठता है।

कुछ दिनों बाद कुछ लोग एक मछुवारे को जहाज घाट पर भयानक मौत मार देते हैं। डैन और भी परेशान हो उठता है। अभी पिछले क़त्ल की गुत्थी भी नहीं सुलझी थी कि एक नए हत्याकांड की पहेली सामने आ गई। डैन पूरा ज़ोर लगाकर क़ातिल को पकड़ने में जुट जाता है। इस बीच जेनेट रोज़ाना देर से घर लौटती है। डैन कुछ आपत्ति तो जताता है, लेकिन जेनेट की प्रेमिल बातों और सटीक दलीलों की वजह से जल्द ही उससे सुलह कर लेता है। इस बीच जेनेट उसे एक वीडियो टेप भी प्रोसेस करवाने के लिए देती है, और कहती है कि ये टेप उसके स्कूल में हुए प्रोग्राम का है।

एक रात एक दंपत्ति और उनका 8-9 वर्षीय बेटा पॉटर्स ब्लफ़ से होकर गुज़रते रहते हैं। रास्ता पूछने के मक़सद से पति एक कैफ़े में चला आता है, जहाँ एक व्यक्ति उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है। दर्शक को अचानक ही याद आता है कि वह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि जॉर्ज ऊर्फ़ फ़्रेडी है, जिसे अस्पताल में मार दिया गया था। लेकिन जॉर्ज तो पूरी तरह स्वस्थ है, और उसके चेहरे पर जलने तो क्या खरोंच तक के निशान नहीं हैं। वह परिवार फ़्रेडी के बताए रास्ते पर निकल पड़ता है, लेकिन आगे जाने पर कुछ लोग उनका रास्ता रोक लेते हैं। ये वही हत्यारे हैं, जिन्होंने हत्या की वारदातों को अंजाम दिया है। दर्शक पूरी तरह समझ नहीं पाते कि उस परिवार का क्या हुआ। अलबत्ता केस की तफ़्तीश में लगा डैन उसी रास्ते से होकर निकलता है, और उस परिवार को पूरी तेज़ी के साथ कार में भागता हुआ देखता है। इससे पहले की डैन कार का पीछा कर पाता, उसकी गाड़ी किसी व्यक्ति से ज़ोर से टकराती है। डैन घायल व्यक्ति को देखने के लिए बाहर निकलता है, लेकिन अचानक ही उसके सिर पर एक थपकी पड़ती है। डैन पलटकर देखता है कि उसकी गाड़ी के बोनट में उस व्यक्ति का कटा हुआ हाथ फंसा हुआ है, और वह पूरी हरकत में है। इससे पहले की डैन कुछ समझ पाता, सड़क पर पड़ा व्यक्ति उठ खड़ा होता है, और डैन को एक ओर धकेल देता है, फिर वह अपना हाथ बोनट से निकाल कर रात के सन्नाटे में एक ओर भाग खड़ा होता है और एक चारदीवारी के पीछे जाकर गुम हो जाता है। बहुत छानबीन करने के बाद भी डैन को कुछ नहीं मिलता।

घर पर डैन को जेनेट की मेज़ की दराज़ में वू-डू (अफ़्रीकी/कैरीबियाई तंत्र-मंत्र) की कुछ किताबें और एक ख़ंजर मिलता है। डैन विचलित हो उठता है, और जेनेट से इसका कारण पूछता है। जेनेट फिर कहती है कि वह बच्चों को वू-डू के विषय में पढ़ा रही है इसलिए ऐसी चीज़ें उसके पास हैं। वह डैन के इस सवाल से नाराज़ भी होती है। इस बीच डैन को ख़बर मिलती है कि किसी की कार समुद्र में आधी डूबी मिली है। दर्शक इस कार को देखते ही समझ जाते हैं कि कार उसी परिवार की है, जिन्हें रात में डैन ने भागते हुए देखा था। हालांकि उस दंपत्ति और छोटे बच्चे के विषय में कुछ पता नहीं चल पाता।

अगली सुबह डैन चुपचाप जेनेट के स्कूल जाकर उसकी हरकतों पर नज़र रखने की कोशिश करता है। खिड़की से अंदर झांककर वह देखता है कि जेनेट सचमुच बच्चों को वू-डू के बारे में बता रही है। डैन फिर से संदेह मुक्त होकर वहाँ से चला जाता है, लेकिन यह नहीं देख पाता कि जेनेट की क्लास में बैठा एक बच्चा दरअसल वही बच्चा है, जिसका परिवार उस रात पॉटर्स ब्लफ़ से होकर गुज़र रहा था। डैन अपनी जीप के बोनट पर चिपके मांस के नमूने को डॉक्टर के पास जाँच के लिए भेजता है। तभी बेन उसके पास आकर हाँफते हुए कहता है, "डैन क्या तुम्हें वह फ़ोटोग्राफ़र याद है, जिसके लिए तुम मेरे होटल पर आए थे, और जो अस्पताल में मर गया था? मैंने उसी आदमी को पेट्रोल पंप पर लोगों की गाड़ियों में पेट्रोल डालते देखा है। अगर यक़ीन न हो, तो अपनी बीवी से पूछो।" डैन जेनेट के साथ पेट्रोल पंप पर जाता है, लेकिन जेनेट की हरकत देखकर उसे नहीं लगता कि वह पेट्रोल पंप के किसी भी सदस्य को पहचानती है।

जाँच के बाद डॉक्टर डैन को बताता है कि उसके द्वारा भेजा गया मांस का नमूना यक़ीनन मानव मांस ही है, लेकिन वह मांस कम से कम तीन हफ़्ते पुराना है। डैन को यकायक यकीन नहीं होता कि जिस व्यक्ति को उसने रात में भागते हुए देखा था, उसकी त्वचा तीन हफ़्ते पुरानी कैसे हो सकती है? इस बीच कुछ लोग अस्पताल में मांस के नमूने की जांच करने वाले डॉक्टर को भी मार डालते हैं।

इधर एक अन्य लड़की पॉटर्स ब्लफ़ के हत्यारों का शिकार बन जाती है। हत्यारे उसका चेहरा भारी पत्थर से कुचल देते हैं। उसकी लाश मिलने पर डैन और भी परेशान हो उठता है। मृत लड़की को डॉक्टर डॉब्स की प्रयोगशाला में लाया जाता है। दर्शक देखते हैं कि डॉब्स बहुत बड़ा कलाकार है। वह लड़की के कुचले हुए चेहरे को बिल्कुल सही रूप में ले आता है और फिर अचानक ही एक साया वहाँ आकर लड़की के मृत शरीर में जान फूंक कर चला जाता है। लड़की तत्क्षण होश में आ जाती है और विचित्र नज़रों से दर्शकों को देखती है।

डैन ठान लेता है कि वह इन हत्याओं का राज़ जानकर रहेगा। वह वीडियो शॉप में जाकर वहाँ से वही वीडियो टेप लेता है, जिसे जेनेट ने उसे प्रोसेस करवाने के लिए दिया था। वीडियो देखने पर अचानक ही डैन उछल पड़ता है। उस वीडियो में उसे जेनेट किसी आदमी की बाँहों में लेटी दिखाई देती है। डैन देखता है कि जेनेट उस आदमी की पीठ में छुरा घोंप रही है, और फिर अचानक ही अनेक लोग, जिनमें वे लोग भी हैं जो उससे रोज़ मिलते हैं, जिन्हें डैन अपना दोस्त समझता है, और जो रोज़ डैन को इन हत्याओं के ज़िम्मेदार व्यक्ति को सज़ा दिलाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अंत में डैन को डॉक्टर डॉब्स भी वहाँ नज़र आता है, जो उस व्यक्ति की हत्या का जश्न मनाने लगता है। डैन को समझते देर नहीं लगती कि वे सभी हत्यारे हैं और उनका दोहरा जीवन महज़ दिखावा है। डैन को यह समझते देर नहीं लगती कि जेनेट वू-डू का इस्तेमाल मुर्दों को जगाने के लिए करती है।

डॉब्स के बारे में तहक़ीक़ात करने पर डैन को पता चलता है कि डॉब्स पहले किसी अन्य राज्य के सम्मानित अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट हुआ करता था, जिसे लाशों के साथ उल्टे-सीधे और अप्राकृतिक प्रयोग करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था। बरसों पहले वही डॉक्टर डॉब्स पॉटर्स ब्लफ़ के इस शांत कसबे में आकर बस गया और यहीं से अपने प्रयोगों को अंजाम देने लगा। डैन को यक़ीन हो जाता है कि इन सभी हत्यारों का आक़ा डॉब्स ही है। डैन उन कब्रों को भी खुदवाता है, जहाँ डॉब्स के अनुसार मुर्दे दफ़न थे, लेकिन उसे किसी भी कब्र में लाश नहीं मिलती। अलबत्ता उसे ताबूत में मृतकों के कपड़े मिलते हैं, और कपड़ों के अंदर सावधानी से रखा हुआ एक इंसानी दिल धड़कता हुआ मिलता है!

डैन इन हत्याओं और जेनेट के विचित्र व्यवहार का कारण डॉब्स को मानता है, इसलिए वह डॉब्स को गिरफ़्तार करने के लिए उसके घर पहुँचता है। उसे वहाँ जेनेट भी मिलती है, लेकिन उसका पूरा शरीर दरअसल जर्जर हो चुका है। ऐसा लगता है मानो वह कोई पुतला हो और उसमें जान ही न हो। वह डैन से मिन्नत करती है कि वह उसे दफ़न होने के लिए दो गज़ ज़मीन दिला दे। डैन और डॉब्स के बीच अफ़रा-तफ़री मच जाती है, इसी बीच डैन के रिवॉल्वर की गोली जेनेट को लग जाती है, लेकिन जेनेट को कुछ भी नहीं होता। डैन को यक़ीन नहीं होता कि जो जेनेट उसके सामने खड़ी है, वह दरअसल मर चुकी है, और उसका शरीर डॉक्टर डॉब्स की आज्ञा का ग़ुलाम है। डैन उसे दफ़नाने के लिए कब्रिस्तान लाता है, जहाँ उसकी मुलाकात अन्य 'जिंदा लाशों' से होती है। डैन उनमें से हर एक को पहचानता है। कोई उसका पड़ोसी है तो कोई उसका मित्र, कोई डॉक्टर है तो वेटर। वही लोग जिनके साथ वह रोज़ हँसता-बोलता था, अपने दुःख-सुख बांटता था, और जिनकी मदद करता था। दहशत का शिकार डैन गिरते-पड़ते डॉब्स के पास पहुँचता है, और उसे जान से मार देना चाहता है। डॉब्स उसे कहता है, "तुमने वह वीडियो ज़रूर देखा, लेकिन पूरा नहीं देखा। अगर पूरा देख लेते तो इतने परेशान न होते। तुम मुझे मार सकते हो, लेकिन मुझे ख़त्म नहीं कर सकते।" अब सामने की दीवार पर वही वीडियो एक बार फिर चलने लगता है, और धीरे-धीरे उसी दृश्य पर पहुँच जाता है जहाँ जेनेट किसी आदमी की पीठ में छुरा घोंप रही थी। उस आदमी के पलटते ही डैन के मुँह से चीख निकल जाती है। क्योंकि मृत आदमी स्वयं डैन था। अचानक ही डैन के हाथ सड़ने लगते हैं, और वह ज़ोर से चीख़ता है। कहीं से डॉक्टर डॉब्स की आवाज़ आती है, "अरे डैन, ये क्या हो गया, आओ मैं तुम्हारे हाथ ठीक कर दूँ।"

समीक्षा

फ़िल्म की कथा पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि मैंने क्यों कहा था कि यह फ़िल्म अपने समय के लिहाज़ से ज़्यादा उन्नत थी। जी हाँ, ज़ॉम्बी (ज़िंदा लाश) विषय पर आज तक अनेक फ़िल्में बनाई जा चुकी हैं, और जॉर्ज ए. रोमीरो कृत 'नाइट ऑफ़ दि लिविंग डेड' के बाद ज़ॉम्बी विषय पर बनने वाली फ़िल्मों की तो जैसे बाढ़ ही आ गई। 'डेड एंड बरीड' ने लगभग 15-16 वर्षों तक मानस पटल पर अंकित जॉम्बीज़ की छवि को बिल्कुल नए अंदाज़ में पेश किया, और यह बताया कि ज़ॉम्बी भी सामान्य व्यक्तियों की तरह छलावा कर सकते हैं, और अगर ऐसा हो जाए, तो मामला और भी गंभीर हो सकता है। जो ज़ॉम्बी है और दूसरों को संक्रमित करके ज़ॉम्बी बना सकता है लेकिन यदि वह आसानी से पहचान में आ जाए, तो लोग उसे किसी भी क़ीमत पर नहीं छोड़ेंगे। वहीं अगर ज़ॉम्बी हममें या आपमें से कोई है, और वह हमारे बीच रहता है, हमारी तरह व्यवहार करता है, और उसमें हमारी तरह ही दुराव-छिपाव का दुर्गुण भी है, तो वाकई उसे पहचानना संभव नहीं होगा, और वह जब चाहे दूसरों को संक्रमित कर सकता है। हाँ, यह बात अलग है कि 'डेड एंड बरीड' के ज़ॉम्बी किसी के हुक़्म के ग़ुलाम हैं, और स्वेच्छा से किसी को संक्रमित नहीं करते। फ़िल्म में कई रोचक मोड़ हैं जो दर्शकों की तल्लीनता बरक़रार रखते हैं, और दर्शक का दिमाग़ एक पहेली से निकलते ही दूसरी में उलझ जाता है। पॉटर्स ब्लफ़ नामक कल्पित शहर का नारा है "A New Way To Life", यानी "जीवन का नया तरीका", और यही इस फ़िल्म का व्यंग्यात्मक पहलू भी है, क्योंकि फ़िल्म देखकर दर्शक ज़रूर समझ जाएंगे कि यह "नया तरीका" क्या है। इस नगर का चित्रण बड़े ही प्रभावी ढंग से किया गया है, और यह वाकई किसी भुतहा शहर की तरह शांत और निस्तब्ध है। पॉटर्स ब्लफ़ पर फैला घना कुहरा वातावरण को और विचित्र बना देता है और ऐसा लगता है मानो वह शहर का आवरण हो। एक ऐसा आवरण जो वहाँ के भयानक और दिल दहला देने वाले राज़ को अपने अंदर छिपाए हुए हो। यह फ़िल्म वाकई देखने लायक है, और इसका वातावरण ही कुछ ऐसा है, जो लोगों को इसे बार-बार देखने के लिए उकसाता है।
Just Before Dawn (1981)

जस्ट बिफ़ोर डॉन
रिलीज़ वर्ष - 1981
निर्देशक - जेफ़ लीबरमैन
निर्माता - डोरो व्लाडो रेलजेनोविक, डेविड शेल्डन
कलाकार - ग्रेग हेनरी, डेबोरा बेन्सन, जेमी रोज़, रॉल्फ़ सेमूर, क्रिस लेमन, जॉर्ज केनेडी आदि.

'जस्ट बिफ़ोर डॉन' वर्ष 1981 में रिलीज़ हुई थी, लेकिन आज की तारीख़ में उसे 'कल्ट मूवी' का दर्जा प्राप्त हो चुका है। 'कल्ट मूवी' का अभिप्राय किसी ऐसी फ़िल्म से है, जिसने कालांतर में अनेक समर्पित प्रशंसकों हासिल किए। इस फ़िल्म की मुख्य शक्ति इसके वातावरण में है, जो समय-समय पर अकेलेपल का ज़बरदस्त अहसास दिलाता है। दर्शक इस फ़िल्म से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। जेफ़ लीबरमैन ने अपनी अन्य फ़िल्मों में भी ख़ून-ख़राबे से भय उत्पन्न करने के बजाय, फ़िल्म के वातावरण को महत्व दिया है। मसलन लीबरमैन की 'ब्लू सनशाइन' ने भी अपनी इसी ख़ूबी के चलते अपार दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। फ़िल्म की शूटिंग अमेरीका के ओरेगॉन राज्य की पर्वत शृंखलाओं में की गई थी, और आज भी यह फ़िल्म अपनी नैसर्गिक ख़ूबसूरती के जीवंत चित्रण के कारण याद की जाती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हॉरर फ़िल्मों का उद्देश्य लोगों के मन में भय पैदा करना है, लेकिन भय की यह भावना तभी सार्थक होती है, जब वह हमारे मन को विचलित तो करे, लेकिन घृणा को जन्म न दे। 'जस्ट बिफ़ोर डॉन' में भी कुछ ऐसी ही ख़ूबियां हैं, जिन्होंने इसे हॉरर जगत में एक सम्मानित स्थान दिलाया है।

कथा-संक्षेप

दो शिकारी टाई (माइक केलिन) और वेचल (चार्ल्स बार्टलेट) हिरण का सफल शिकार करके जंगल के बीचो-बीच स्थित एक परित्यक्त चर्च में सफलता का जश्न मनाने पहुँचते हैं। जैसा कि दर्शक देखते हैं, ऐसा लगता है कि उस चर्च में बरसों से इबादत नहीं हुई है, और वहाँ न तो कोई पादरी है, और न ही भक्त। वह चर्च बस जंगल की असीम हरीतिमा के बीच यूँ ही उपेक्षित-सा, जर्जर अवस्था में खड़ा हुआ है। जीत की ख़ुशी मनाते-मनाते, अचानक टाई की नज़रें चर्च की छत पर बने बड़े से छेद पर टिक जाती हैं, जहाँ उसे एक भयानक चेहरा नज़र आता है, जो एकटक टाई को ही घूरता रहता है। टाई वेचल का ध्यान उस ओर दिलाता है, लेकिन तब तक वह चेहरा ग़ायब हो चुका होता है। आशंकित मन से टाई चर्च से बाहर जाकर मुआयना करने की ठानता है, लेकिन बाहर उसे कुछ नहीं मिलता। अचानक ही उसकी कार लुढ़कती हुई उसी की दिशा में बढ़ने लगती है, और टाई मरते-मरते बचता है। कार पास ही एक पेड़ से टकरा जाती है और लपटों में घिर जाती है। धमाके की वजह से वेचल का ध्यान टाई की ओर जाता है, और वह बाहर निकलने के लिए दरवाज़ा खोलने के लिए बढ़ता है। इससे पहले की वेचल दरवाज़ा खोल पाता, एक भारी डील-डौल वाला भयानक शक़्ल का आदमी उसका रास्ता रोक लेता है, और अपने आरी जैसे दांतों वाला खंजर वेचल के पेट में उतार देता है। वेचल चीखने और तड़पने लगता है, और वह हत्यारा किसी पागल की तरह कहकहे लगाता है। वेचल की चीख़ सुनकर टाई का ध्यान उसकी ओर जाता है, लेकिन इससे पहले कि वह वेचल की मदद के लिए पहुँच पाता, उसे दूर से ही वह हत्यारा नज़र आ जाता है, जिसने अब वेचल के कपड़े पहन रखे हैं और अब उसकी नज़रें टाई पर जमी हुई हैं। टाई किसी तरह उसकी निगाहों से बचकर दूर जाने की कोशिश में जंगल की ओर भाग खड़ा होता है।

इस बीच कुछ युवा अपनी कैंपर (कैंपिंग के साज़ो-सामान वाली गाड़ी) में जंगल में ख़ुशगवार छुट्टियाँ मनाने की नीयत से जंगल के सुनसान रास्तों के सफ़र पर हैं। उनकी संख्या पाँच है, और उनके नाम वॉरेन (ग्रेग हेनरी), कॉन्सटांस (डेबोरा बेन्सन), डैनियल (रॉल्फ़ सेमूर), जॉनथन (क्रिस लेमन) और मेगन (जेमी रोज़) हैं। वॉरेन-कॉन्सटांस तथा जॉनथन-मेगन प्रेमी युगल हैं, और डैनियल एक नौसीखिया फ़ोटोग्राफ़र है, जो जंगल के सौंदर्य के कारण खिंचा चला आया है। रास्ते में उनकी भेंट जंगल के रेंजर रॉय (जॉर्ज केनेडी) से होती है, जो उन्हें पहाड़ों पर न जाने की सलाह देता है। वॉरेन रॉय को बताता है, कि जंगल में उसके पुरखों की एक ज़मीन है, जो उसे विरासत में मिली है, इसलिए वह अपने दोस्तों के साथ उस स्थान पर कुछ दिन ठहरने के लिए जा रहा है। रॉय के मना करने के बाद ही युवा सचेत नहीं होते, और अपनी राह पर चल देते हैं। आगे उनका सामना बदहवास से भागते हुए टाई से होता है, जो उन्हें जंगल में शैतान से हुई अपनी और वेचल की मुठभेड़ के बारे में बताता है। टाई को अब भी लग रहा है कि वह शैतान उसका पीछा कर रहा है। टाई उस शैतान को 'राक्षस' कहकर संबोधित करता है। टाई वॉरेन से मिन्नत करता है कि वे उसे अपने साथ ले चलें, लेकिन वॉरेन के साथी टाई को साथ ले जाने के पक्ष में नहीं है, इसलिए वे उसे वहीं रास्ते के बीच में छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं। वॉरेन की कैंपर के आगे बढ़ते ही, टाई को वह शैतान नज़र आता है, जो अब कैंपर की छत पर सवार हो चुका है। टाई बड़े ही भयानक अंदाज़ में ठहाके लगाकर हँसता है, क्योंकि जो अब तक उसकी 'समस्या' थी, वही 'समस्या' अब वॉरेन और उसके साथियों की भी है।

जंगल के निर्धारित स्थान पर पहुँचकर वॉरेन और उसकी टोली, कैंपर को छोड़ आगे बढ़ जाते हैं। जंगल में व्याप्त शांति, पक्षियों की चहचहाहट, नदी की कलकल और झरने से गिरते पानी की आवाज़ माहौल को कुछ और ही रंग दे रहे हैं। चारों ओर फैली हरियाली को देख युवा जोड़ों का मन इस सौंदर्य का रसपान करने को हो रहा है, लेकिन वे नहीं जानते कि कोई उनके पीछे हैं, और उन पर लगातार नज़र रख रहा है। झरने के पास पहुँचने पर उन्हें एक लड़की नज़र आती है, जो कुछ गुनगुना रही है। वॉरेन और उसके साथी उसे रुकने का इशारा करते हैं, लेकिन वह लड़की भाग खड़ी होती है। फिर एक रोमांचक पल में दर्शक जॉनथन और मेगन को नदी में डुबकियां लगाते हुए देखते हैं। मेगन को लगता है कि जॉनथन पानी के अंदर छिपकर उसे डरा रहा है, लेकिन जब वह जॉनथन को किनारे पर खड़ा देखती है, तो चीख़ मारकर पानी से बाहर आ जाती है। वह चिल्ला-चिल्लाकर सबको बताती है, कि पानी के अंदर कोई उसके साथ बदतमीज़ी कर रहा था।

रात होते ही युवा जंगल की निस्तब्धता और नीरवता में संगीत का आनंद लेते हुए नाचते हैं। इतने में एक बुज़ुर्ग और उसका परिवार वहाँ आ धमकता है। शायद वह परिवार जंगल में ही रहता-बसता है, और परिवार का बुज़ुर्ग "पा" लोगन (हैप ऑस्लंड), वॉरेन और उसके साथियों को वहाँ से चले जाने के लिए कहता है। उसका मानना है कि वॉरेन और साथियों की मौजूदगी जंगल के शैतानों को जगा रही है। चेतावनी देकर लोगन परिवार वहाँ से चला जाता है, लेकिन वॉरेन और उसके साथ नहीं समझ पाते कि "पा" लोगन दरअसल किन शैतानों की बात कर रहा था। फिर वह रात शांति से गुज़र जाती है।


अगले दिन, प्राकृतिक सौंदर्य के वशीभूत हो कर जॉनथन चहल-कदमी करने चला जाता है। रास्ते में उसे वही लड़की दिखाई देती है, जो रात अपने परिवार के साथ उनके कैंप पर आई थी। लड़की का नाम मैरी केट लोगन (केटी पॉवेल) है। चूंकि मैरी जंगल में पली-बढ़ी है, इसलिए वह जॉनथन की मौजूदगी में ख़ुद को रोक नहीं पाती, और उसके साथ प्रेम-संबंध बनाना चाहती है, लेकिन जॉनथन ऐसा नहीं चाहता। वह तो बस मैरी के बारे में कुछ और जानना चाहता है। इसी उद्देश्य से जॉनथन मैरी के पीछे हो लेता है। मैरी भागते हुए एक रस्सी से बने पुल के पास आ जाती है, लेकिन कुछ देखते ही अचानक वहाँ से भाग खड़ी होती है। जॉनथन को मैरी का व्यवहार कुछ समझ में नहीं आता, और उसे लगता है कि शायद मैरी में रस्सी का पुल पार करने से डर रही है, और वह उसे कहता है, "अरे, तुम तो घबरा रही हो, देखो, मुझे देखों, और ध्यान दो कि मैं पुल को कैसे पार करता हूँ"। यह कहकर जॉनथन रस्सी का पुल पार करने लगता है, लेकिन ऐसा करके जॉनथन भयानक भूल करने जा रहा है। उसे सोचना चाहिए था कि मैरी का पूरा जीवन जंगल में बीता है, इसलिए रस्सी का पुल पार करना उसके लिए बच्चों का खेल हैं, और अगर वह किसी कारण से भाग खड़ी हुई थी, तो इसके पीछे कोई गहरा राज़ है। पुल के दूसरे सिरे पर पहुँचते ही जॉनथन को वही भयानक शक़्ल वाला आदमी खड़ा मिलता है, जो अपने धारदार ख़ंजर के साथ उसकी ताक में खड़ा है। जॉनथन को अब मैरी कहीं दिखाई नहीं देती। जॉनथन उस भयानक आदमी से पूछता है, "क्या तुम कहीं आसपास में रहते हो?" इसका जवाब वह आदमी अपने ख़ंजर को लहराकर देता है, जो सीधे जॉनथन के पंजे पर आ कर लगता है। जॉनथन इस अप्रत्याशित हमले से घबरा जाता है, और वापस लौटने को होता है, लेकिन शायद उस शैतान को यह मंज़ूर नहीं है। वह शैतान पुल को बांधकर रखने वाली रस्सी पर अपने ख़ंजर से बेतहाशा वार करने लगता है। फलस्वरूप कुछ ही पल में पुल टूट जाता है, और जॉनथन सीधे नीचे नदी में जा गिरता है। जॉनथन ज़ख़्मी हालत में सीटी बजाकर अपने मुसीबत में होने की सूचना अपने साथियों को देना चाहता है, लेकिन उसके साथी बहुत दूर हैं। अपनी सारी ताक़त बटोरकर जॉनथन पुल की टूटी हुई रस्सी के सहारे एक चट्टान पर चढ़ने की कोशिश करता है, जिसमें वह अंततः कामयाब भी हो जाता है, लेकिन जॉनथन नहीं जानता कि ऊपर उसका इंतज़ार वही शैतान कर रहा है। ऊपर पहुँचने पर शैतान जॉनथन को ठोकर मारकर फिर से नीचे गिरा देता है, और जॉनथन ऊंची चट्टान से नीचे गिरकर दम तोड़ देता है।

इधर टाई नीम-बेहोशी और बदहवासी की हालत में रॉय से मिलता है। वह रॉय को उन शैतानों के बारे में बताता है, और यह भी कहता है कि उन पाँच युवाओं की जान ख़तरे में है। रॉय तत्क्षण उन शैतानों का पता लगाने की ठान लेता है।

इधर डैनियल तस्वीरें खींचते हुए उसी पुराने चर्च में पहुँच जाता है, जहाँ फ़िल्म की शुरुआत में टाई और वेचल की उस शैतान से भिड़ंत हुई थी। वहाँ फैले सौंदर्य का रसास्वादन करते हुए डैनियल तस्वीरें उतारने लगता है। इतने में वहाँ मेगन भी आ पहुँचती है। दोनों मिलकर वहाँ आसपास फैली चीज़ों का जायज़ा लेने लगते हैं। डैनियल मेगन की तस्वीरें उतारने लगता है, लेकिन अफ़रा-तफ़री में उसका चश्मा कहीं गिर जाता है, जिससे उसकी दृष्टि धुंधली हो जाती है। तभी डैनियल को दूर कोई नज़र आता है। उसकी शर्ट देखकर लगता है कि वह जॉनथन है। डैनियल मेगन को बताता है कि जॉनथन उन्हें दूर से देख रहा है। मेगन को शरारत सूझती है, और वह डैनियल को अपने आलिंगन में भर लेती है। मेगन जॉनथन को छकाना और जलाना चाहती है। डैनियल की दृष्टि धुंधली हो चुकी है, इसलिए वह जॉनथन जैसे दिखने वाले उस साए को पास आते देखता तो है, लेकिन उसे ठीक से पहचान नहीं पाता। कुछ ही देर में वह साया डैनियल पर ख़ंजर से हमला कर देता है और उसका पेट चीर देता है। बदहवास मेगन चर्च में जा कर छिप जाती है, जहाँ उसे वेचल की लाश नज़र आती है। भारी मन से वह छिपकर उस भयानक शैतान की करतूत देखने लगती है, जो डैनियल की मौत पर कहकहे लगाते हुए उसके कैमरे से तस्वीरें उतारने लगता है। मेगन इतनी स्तब्ध हो चुकी है कि उसे पता ही नहीं चलता कि कोई उसके ठीक पीछे खड़ा है। जब वह पीछे नज़र घुमाती है, तो उसे वैसा ही एक और शैतान ख़ंजर के साथ अपने पीछे नज़र आता है। बाहर भी शैतान और अंदर भी शैतान! अब दर्शकों को समझ में आता है, कि दोनों शैतान दरअसल जुड़वा भाई हैं, जो जंगल में रहते हैं और सैलानियों को अपना निशाना बनाते हैं। शायद उन्हें पसंद नहीं कि कोई बाहर व्यक्ति उनके इलाके में आए-जाए। मेगन भी उन वहशी हत्यारों का शिकार बन जाती है।

इधर वॉरेन और कॉन्सटांस को जॉनथन की लाश नदी में बहती नज़र आती है। वे अपने अन्य साथियों की कुशलता को ले कर आशंकित हो उठते हैं। फलतः वॉरेन और कॉन्सटांस आसपास जाकर उन्हें तलाशने का फ़ैसला करते हैं। वॉरेन को अब भी लगता है कि उसके साथी शायद आसपास ही हैं, लेकिन रास्ता भटक गए हैं। वॉरेन कॉन्सटांस को किसी तरह समझा-बुझाकर दूसरों की तलाश में निकल जाता है।

रॉय अब युवाओं की तलाश में उनके आसपास पहुँच चुका है, और उसकी मुलाक़ात लोगन परिवार से होती है। बुज़ुर्ग "पा" लोगन रॉय को युवाओं के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर देता है, लेकिन मैरी रॉय की मदद करना चाहती है। यहाँ दर्शकों को पता चलता है कि दोनों शैतान दरअसल "पा" लोगन की पहली बीवी की संतानें हैं, जिन्हें उनके हिंसक स्वभाव के कारण घर से बाहर निकाल दिया गया था। इस नाते वे मैरी लोगन के भाई हैं। मैरी रॉय से कहती है कि वह उसे युवाओं के कैंप तक ले जाएगी। रास्ते में उन्हें बदहवास हालत में भागता हुआ वॉरेन नज़र आता है, जो रॉय को अपने दोस्तों की गुमशुदगी की सूचना देता है। रॉय उसे मदद का आश्वासन देता है और उसके पीछे हो लेता है। इधर कॉन्सटांस वॉरेन के इंतज़ार में आग जलाकर बैठी हुई है, तभी पीछे से एक शैतान आ धमकता है। सीटी बजाते हुए वह पागलों की तरह कॉन्सटांस को आतंकित करने लगता है। कॉन्सटांस किसी तरह भागकर एक पेड़ पर चढ़ जाती है, लेकिन शैतान नहीं रुकता। वह कॉन्सटांस के ख़ून का प्यासा होकर पेड़ काटने लगता है। कॉन्सटांस की चीख़ और पेड़ काटने की आवाज़ें रॉय और वॉरेन को कॉन्सटांस की स्थिति की जानकारी दे देती हैं, और रॉय ठीक वक़्त पर पहुँच कर शैतान का सीना गोलियों से छलनी कर देता है। वॉरेन अभी भी यह मानने को तैयार नहीं है कि उसके साथी मारे जा चुके हैं। रॉय उन्हें किसी तरह सांत्वना देकर कैंप पर भेजता है, और सलाह देता है कि जितनी जल्दी हो सके, वे अपना सामान बांधकर यहाँ से भाग निकलें।

उस अप्रत्याशित हमले के कारण कॉन्सटांस अपने आसपास के माहौल के प्रति अधिक संवेदनशील और सतर्क हो जाती है। उसकी इंद्रियां छोटी-से-छोटी आवाज़ पर भी हरकत में आने लगती हैं। वॉरेन इतना घबराया हुआ है कि उसे कुछ सूझ नहीं रहा है। ख़ुद को और कॉन्सटांस को समझाते हुए, वॉरेन सामान समेटने लगता है। अचानक ही दूसरा शैतान वॉरेन पर ख़ंजर से हमला करके उसे ज़ख़्मी कर देता है। वॉरेन घायल अवस्था में कॉन्सटांस को सिवाय देखते रहने के और कुछ नहीं कर सकता। शैतान की इस हरकत से कॉन्सटांस बेहद हिंसक हो जाती है, और वह शैतान की पीठ पर सवार होकर उसे नोचने-खसोटने लगती है। शैतान कॉन्सटांस की हरकत पर ग़ुस्से से पागल हो जाता है, और उसे कसकर अपनी भुजाओं से दबाने लगता है। कॉन्सटांस के मुँह से ख़ून निकलने लगता है, और वॉरेन भय से जड़ हो जाता है। कॉन्सटांस अपने शरीर की पूरी ताक़त समेटकर शैतान पर हमला कर देती है, और अपना पूरा का पूरा दाहिना हाथ शैतान के मुँह में भीतर तक डाल देती है। शैतान की श्वास-नली बंद हो जाने से वह छटपटाते हुए कटे पेड़ की तरह नीचे गिर जाता है, लेकिन कॉन्सटांस अपने हाथों का दबाव तब तक बढ़ाती है, जब तक कि शैतान का दम नहीं निकल जाता। शैतान को मारने के बाद कॉन्सटांस विजयी लेकिन हिंसक भाव से वॉरेन की तरफ़ पलट कर देखती है। अचानक ही मैरी लोगन वहाँ पहुँचती है, और अपने भाई की लाश देखकर वहाँ से भाग खड़ी होती है। कॉन्सटांस एक बार फिर घायल वॉरेन पर नज़र डालती है, जो अब उठने की कोशिश कर रहा है। जंगल में एक बार फिर से पक्षियों का कलरव गान सुनाई देने लगा है, और सुबह की पहली किरण जंगल में फैले अंधकार को शनैः शनैः निगलती जा रही है।

समीक्षा

वर्ष 1981, हॉलीवुड हॉरर फ़िल्मों का स्वर्णयुग था। उस दौरान बनी हॉरर फ़िल्में आज भी चाव से देखी जाती हैं। हॉरर फ़िल्मों का वह दौर अब लौटकर नहीं आ सकता, जो 1978 से 1986 तक चला। उस दौरान शायद ही ऐसा कोई विषय बचा होगा, जिस पर निर्देशकों ने हॉरर के नज़रिये से प्रयोग न किया हो। 1980-1981 के दौरान कैंपिंग युवाओं का पसंदीदा शौक़ था। शायद इसी को आधार बनाकर लीबरमैन ने "जस्ट बिफ़ोर डॉन" की कल्पना की होगी। हालांकि इस फ़िल्म की कहानी का श्रेय मार्क एरिविट्ज़ और जोसफ़ मिडिलटन को जाता है, लेकिन जेफ़ लीबरमैन ने अपनी रचनात्मक शक्ति का उपयोग करके इस कहानी में नए रोमांच शामिल किए। हॉरर फ़िल्मों को बहुधा कलाकारों के ख़राब अभिनय से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन 'जस्ट बिफ़ोर डॉन' में ऐसा नहीं है। फ़िल्म के कलाकारों ने वाकई शानदार अभिनय किया है, और एक समय के बाद दर्शकों को यह लगने लगता है जैसे कि यह सारी घटना सच्ची हो, और ठीक उनकी आँखों के सामने घट रही हो। फ़िल्म का पार्श्वसंगीत ब्रैड फ़िडेल ने दिया है, जिन्होंने बाद में फ़ाइट नाइट, टर्मिनेटर, ट्रू लाइज़ जैसी चर्चित फ़िल्मों में भी अपने संगीत का जादू बिखेरा। इस पार्श्वसंगीत की ख़ासियत यह है कि यह दर्शकों के मन में ज़बरदस्त अकेलेपन का अहसास कराता है। जेफ़ लीबरमैन ने प्राकृतिक ध्वनियों, जैसे चिड़ियों की चहचहाहट, नदी की कलकल और झरने की आवाज़ का इस्तेमाल भी अकेलेपन का अहसास जगाने के लिए ही किया है। इन ध्वनियों के सान्निध्य में दर्शकों को अचानक ही लगने लगता है कि फ़िल्म के पात्र किसी भी प्रकार की सहायता से बहुत दूर किसी बियाबान में भटक रहे हैं, जहाँ कुछ भी हो सकता है। यह फ़िल्म अमेरीका में कैंपिंग अभियानों से जुड़े ख़तरों से भी आगाह करती है। ख़तरा सिर्फ़ हिंसक जानवरों, मौसम आदि प्राकृतिक शक्तियों या विकट स्थिति में फंसने का ही नहीं होता, बल्कि वह किसी ऐसे रूप में भी सामने आ सकता है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, और जिसके लिए व्यक्ति तैयार भी नहीं होता। जंगल, हरियाली, पुराना चर्च, नदी और झरने की आवाज़ें, ये सभी घटक 'जस्ट बिफ़ोर डॉन' की प्रभावशीलता को कई गुना बढ़ा देते हैं। शायद यह फ़िल्म उस काल की भी द्योतक है, जब सभ्य समाजों की कल्पना इंसान की सोच से बाहर थी, और ज़िंदा बचे रहना ही सफलता की एकमात्र कुंजी थी। कॉन्सटांस जिस साहस का परिचय देकर अपनी और अपने मित्र वॉरेन की जान बचाती है, वह वाकई उस समय की याद दिलाता है, जब मनुष्यों को जीवित रहने के लिए आने वाले किसी भी ख़तरे से निपटने के लिए तैयार रहना पड़ता था। शायद लीबरमैन आज भी सभ्य समाज में बसने वाले व्यक्तियों (जैसे कि कॉन्सटांस) के अंदर वही हिंसक प्रवृत्ति को देखते हैं, जो संभवतः हज़ारों साल पहले सभ्य समाज के निर्माण के बाद भुला दी गई, लेकिन वस्तुतः जो आज भी जीवित है, और जब-तब सक्रिय हो उठती है। यह जेफ़ लीबरमैन का एक शानदार प्रयास है, जिसकी प्रशंसा आगे भी कई वर्षों तक होती रहेगी।

Monday, June 8, 2009

Christine - 1983




क्रिस्टीन (Christine)

रिलीज़ वर्ष - 1983
निर्देशक - जॉन कारपेन्टर
निर्माता - रिचर्ड कोब्रिट्ज़
लैरी जे. फ़्रैंको
कलाकार - कीथ गॉर्डन, जॉन स्टॉकवेल, अलेक्ज़ेंड्रा पॉल, विलियम ऑस्ट्रैंडर इत्यादि

क्रिस्टीन 1983 में बनी एक अलग क़िस्म की डरावनी फ़िल्म है जिसमें मुख्य खलनायिका एक कार है। यह एक लाल-सफ़ेद रंग की 1957 मॉडल की प्लाइमाउथ फ़्यूरी कार है। इस कहानी को स्टीफ़न किंग ने लिखा था, लेकिन जैसा कि आमतौर पर होता है, फ़िल्म की कहानी भी किंग के उपन्यास से थोड़ी-सी अलग है। दर्शकों को फ़िल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी लग सकती है, लेकिन कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती जाती है, मज़ा और भी बढ़ता जाता है। जॉन कारपेन्टर वैसे 1978 में 'हैलोवीन' बनाकर हॉरर की दुनिया में अपने नाम और काम का डंका पहले ही बजा चुके थे, और अब उन्हें किसी इंसान को नहीं, बल्कि किसी निर्जीव चीज़ को ख़लनायक बनाना था। यह कार उनकी उन्नत सोच की एक जीती-जागती मिसाल है, और सच तो यह है कि किसी इंसान से दया की उम्मीद करना तो समझ में आता है, लेकिन किसी निर्जीव चीज़ के सामने रहम की भीख मांगना बिल्कुल अजीब लगता है। यही कारण है कि यह फ़िल्म अपनी कार रूपी खलनायिका की वजह से बड़ी मनोरंजक और उत्तेजक बन पड़ी है। आइए इसकी कहानी और समीक्षा पढ़ें।

कहानी की शुरुआत एक कार फ़ैक्ट्री से होती है। दिखाया जाता है कि प्लाईमाउथ फ़्यूरी कारें एक-एक करके जाँचकर्ताओं के सामने आती जा रही हैं, और उनकी जाँच होती जा रही है और इस तरह वे बाज़ारों में बिकने को तैयार हो रही हैं। उन कारों में एक लाल-सफ़ेद रंग की कार है। एक जाँचकर्ता उसका बोनट खोलकर इंजन की जाँच करता है लेकिन इतने में ही कार का बोनट अपने आप नीचे गिरता है, और जाँचकर्ता का हाथ घायल हो जाता है। इसके बाद एक अन्य जाँचकर्ता कार के अंदर बैठकर रेडियो सुनते हुए सिगार के कश लगाता है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह एक दूसरे जाँचकर्ता को मृत अवस्था में मिलता है। समय का पहिया घूमता जाता है, और अब हम आ पहुँचते हैं 1978 में।

आर्नाल्ड कनिंगहैम (कीथ गोर्डन) एक सीधा-सादा हाईस्कूल विद्यार्थी है। उसका शारीरिक गठन कमज़ोर है, और उसमें ऐसा कुछ नहीं है जो किसी आम आदमी को प्रभावित कर सके। उसका कोई दोस्त नहीं है और डेनिस गिल्डर (जॉन स्टॉकवेल) के अलावा उसे कोई घास नहीं डालता। डेनिस एक बढ़िया रग्बी खिलाड़ी है, जिस पर स्कूल की बहुत सारी लड़कियाँ जान छिड़कती हैं। आर्नी (आर्नाल्ड) अपनी कमज़ोरी को अपने अच्छे चरित्र के रूप में रखता है। जब डेनिस उसे लड़कियों की ओर हाथ बढ़ाने को कहता है तो वह कहता है कि उसे उनमें से कोई भी अच्छी नहीं लगती और अभी उसे आगे पढ़ना और नाम कमाना है। आर्नी के माता-पिता बड़े ही सख़्त मिज़ाज हैं। वे आर्नी के साथ अब भी वैसा ही व्यवहार करते हैं जैसे वह कोई छोटा बच्चा हो। आर्नी उनके इस व्यवहार को सहर्ष स्वीकार करता है और कोई भी काम उनकी इच्छा के विरुद्ध नहीं करता। डेनिस रोज़ सुबह आर्नी को उसके घर से अपनी कार में हाईस्कूल ले कर जाता है, और ऐसा इसलिए क्योंकि आर्नी की मां नहीं चाहती कि आर्नी के पास इस उम्र में अपनी एक कार हो। डेनिस आर्नी का शुभचिंतक है और हमेशा ही उसका पक्ष लेता है। एक दिन स्कूल आने पर उन्हें एक नई लड़की ली (अलेक्ज़ेंड्रा पॉल) के बारे में पता चलता है। ली बहुत सुंदर है और सभी लड़के उससे दोस्ती करना चाहते हैं, लेकिन वह काफ़ी समझदार और सुलझी हुई लड़की है और किसी की पेशकश पर ग़ौर नहीं करती। अपने सहपाठियों के उकसाने पर डेनिस भी उसकी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, लेकिन ली डेनिस की पेशकश पर ध्यान नहीं देती। डेनिस आर्नी से कहता है कि अगर मुझे ली जैसी लड़की मिल जाए तो जिंदगी का मज़ा ही कुछ और होगा।

उस दिन शाम को डेनिस को पता चलता है कि स्कूल के कुछ गुंडे टाइप लड़के आर्नी को परेशान कर रहे हैं। वह दौड़ा-दौड़ा आर्नी की मदद करने जाता है। वहाँ पहुँच कर डेनिस देखता है कि बडी रेपरटन (विलियम ऑस्ट्रैंडर) और उसके कुछ साथियों ने आर्नी को घेर लिया है और उसे परेशान कर रहे हैं और उसे चाक़ू दिखाकर डरा रहे हैं। देखते ही देखते वे उसका लंच बैग फाड़ देते हैं, उसका चश्मा तोड़ देते हैं, और डेनिस को भी मारते हैं। स्कूल के टीचर के आने पर ही मामला शांत होता है। टीचर उन सभी को स्कूल से निष्कासित कर देता है। जाते-जाते बडी आर्नी को कह जाता है कि वह उसे देख लेगा। आर्नी इस बात से चिंतित हो उठता है। घर जाते समय डेनिस उसे समझाता है कि वे उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगे, लेकिन आर्नी को भी ख़ुद के बचाव के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति कभी-भी आ सकती है। रास्ते में आर्नी को एक कबाड़ी के यहाँ कुछ दिखाई देता है। वह डेनिस को अपने साथ वहाँ ले जाता है। वहाँ एक टूटी-फूटी लाल-सफ़ेद रंग की कार दिखाई पड़ती है। आर्नी उस कार को देख उत्साहित हो जाता है और कबाड़ी से उस कार का सौदा करना चाहता है। कबाड़ी उन्हें बताता है कि यह कार वास्तव में उसके भाई की है और वह उससे बेहद प्यार करता था। डेनिस कबाड़ी से पूछता है कि यदि उसके भाई को उस कार से इतना ही प्यार है तो वह उसे बेच क्यों रहा है। कबाड़ी उन्हें बताता है कि उसका भाई अब ज़िंदा नहीं है और वह सड़क दुर्घटना में मारा गया था। हैरानी की बात यह है कि उसकी मृत्यु इसी कबाड़ा कार को चलाते समय हुई थी और तब से यह कार ऐसे ही किसी कूड़े की तरह पड़ी हुई है। कबाड़ी उन्हें बताता है कि कार का नाम ‘क्रिस्टीन’ है। डेनिस के लाख समझाने पर भी आर्नी टस से मस नहीं होता और अंत में 250 डॉलर में क्रिस्टीन का सौदा कर ही लेता है।

आर्नी के माता-पिता कार देखकर चिढ़ जाते हैं और आर्नी से कहते हैं कि यह उसके कार रखने की उम्र नहीं है इसलिए वे उसे उस कबाड़ को अपने घर पार्क नहीं करने देंगे। आर्नी भी चिढ़कर उस कार को एक गैरेज में ले जाता है जो ‘ख़ुद करके देखो’ की तर्ज पर चलता है। गैरेज का मालिक डार्नेल एक मुँहफट और गाली-गलौज करने वाला आदमी है। वह आर्नी को हिदायत देता है कि उसके कबाड़ की वजह से यदि गैरेज में कोई भी परेशानी आई तो वह उसे उसकी कबाड़ा कार के साथ धक्के मारकर बाहर निकाल देगा। आर्नी यह सब सुनकर भी चुप रहता है क्योंकि उसका लक्ष्य क्रिस्टीन को ठीक करना है और वह अपने प्रयास में जुट जाता है।

एक दिन स्कूल में रग्बी मैच का आयोजन किया जाता है। डेनिस इस समय मैदान में अपने प्रतिद्वंदियों को धूल चटाता रहता है कि उसकी नज़र एक चमचमाती लाल-सफ़ेद रंग की गाड़ी पर पड़ती है और फिर वह देखता है उस कार से पहले आर्नी निकलता है और उसके पीछे ली! डेनिस आश्चर्यचकित हो उठता है कि आख़िर आर्नी ने ली पर ऐसा क्या जादू किया कि वह उससे प्रभावित हो गई। इसी सोच में उसका ध्यान बंट जाता है और किसी दूसरे खिलाड़ी की ठोकर से वह घायल हो जाता है। डेनिस को तुरंत अस्पताल ले जाया जाता है। इसी समय गुंडा बडी और उसके साथी भी आर्नी और उसकी नई कार को देखते हैं।

अस्पताल में आर्नी घायल डेनिस से उसका हालचाल जानने आता है लेकिन वह उसे नहीं बताता कि उसके और ली के बीच आख़िर क्या पक रहा है। उस रात आर्नी और ली क्रिस्टीन में बैठे एक-दूसरे से प्यार करते रहते हैं। आर्नी कुछ देर के लिए बाहर निकलता है कि तभी क्रिस्टीन के दरवाज़े अपने आप बंद होकर लॉक जाते हैं और फिर ली देखती है कि क्रिस्टीन के अंदर एकाएक तेज़ रोशनी फैल गई, और रेडियो अपने आप शुरू हो गया। अचानक ही कोई अज्ञात शक्ति ली का गला घोंटने लगती है, और ली बेसुध-सी होकर इधर-उधर हाथ मारने लगती है। आर्नी की लाख कोशिशों के बाद दरवाज़ा खुलता है और ली की जान में जान आती है। वह आर्नी से कहती है कि क्रिस्टीन अशुभ है और वह उससे जलती है क्योंकि वह (ली) आर्नी से प्यार करती है। ली के लाख समझाने पर भी आर्नी नहीं मानता कि क्रिस्टीन अशुभ है। आर्नी ली को घर छोड़ता है और वापस डार्नेल के गैरेज में आकर क्रिस्टीन को रख जाता है।

उस रात बडी और उसके साथी चुपके से गैरेज में आते हैं और हथौड़े, रॉड, पत्थर, हॉकी आदि के प्रहार से क्रिस्टीन के साथ तोड़फोड़ करते हैं। क्रिस्टीन को पूरी तरह कबाड़ बनाकर वे गुंडे चुपके से निकल जाते हैं। इधर आर्नी ली को मनाने में सफल हो जाता है और ली भी मान लेती है कि क्रिस्टीन अशुभ नहीं है। अगली सुबह आर्नी उसे लेकर डार्नेल के गैरेज में आता है लेकिन क्रिस्टीन की हालत देखते ही उसके होश उड़ जाते हैं। ली उसे संभालने की कोशिश करती है लेकिन आर्नी का ग़ुस्सा उस पर फट पड़ता है और वह ली को धकेल कर कहता है कि उसे क्रिस्टीन के अलावा कोई नहीं चाहिए। उसके व्यवहार से क्षुब्ध होकर ली वहाँ से चली जाती है।

आर्नी बेहद उदास हो जाता है, उसे नहीं पता कि क्रिस्टीन अपने पुराने रूप में कैसे लौटेगी। उसे लगता है कि उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया। घर पर उसके माता-पिता कहते हैं कि वे उसे नई कार ख़रीद देंगे, लेकिन आर्नी कहता है कि क्रिस्टीन की जगह कोई नहीं ले सकती। बातों ही बातों में उनका विवाद बढ़ जाता है और आर्नी अपने माता-पिता से झगड़कर वापस डार्नेल के गैरेज में आ जाता है। उसका अब एक ही लक्ष्य है, क्रिस्टीन को ठीक करना। क्रिस्टीन को देखकर उसका मन बेहद उदास हो जाता है और वह जज़्बाती हो उठता है। ठीक इसी समय उसे लगता है कि क्रिस्टीन ख़ुद ब ख़ुद हरकत में आ रही है। उसके कुछ पुर्जे अपने आप ठीक हो जाते हैं। आर्नी को विश्वास आ जाता है कि क्रिस्टीन कोई मामूली कार नहीं है, बल्कि बेहद अनोखी है। आर्नी क्रिस्टीन की ओर मुँह करके खड़ा हो जाता है और कहता है "ठीक है, मुझे दिखाओ”। इतना कहते ही क्रिस्टीन जैसे सजीव हो उठती है, उसके कलपुर्जे अपने आप एक-एक करके यथास्थान बैठने लगते हैं। देखते ही देखते बस कुछ ही मिनटों में क्रिस्टीन अपने पूर्व रूप में आ जाती है। अब उस पर न तो कोई खरोंच है और न ही आघात के कोई निशान ही बाक़ी हैं। आर्नी समझ जाता है कि उसे अब क्या करना है।

आर्नी के स्वभाव में तेज़ी से बदलाव आ रहा है। वह पहले डरा सहमा-सा रहता था लेकिन अब वह बदतमीज़ और ग़ुस्सैल हो गया है। डेनिस उसे स्वभाव में आए परिवर्तन से चिंतित है और ठीक से नहीं जानता कि आर्नी का स्वभाव दिन-ब-दिन क्यों बदलता जा रहा है। आर्नी उसके पास जब भी आता तो क्रिस्टीन की ही चर्चा करता रहता, डेनिस को यूँ लगने लगा जैसे आर्नी और क्रिस्टीन इंसान और कार नहीं बल्कि प्रेमी और प्रेमिका हैं। उस रात बडी का एक साथी अंधेरे में कहीं से आता रहता है कि उसका सामना क्रिस्टीन से हो जाता है। क्रिस्टीन उसका गली-गली में पीछा करती है और अंत में उसकी जान लेकर ही छोड़ती है। क्रिस्टीन उसे दीवार पर कुचल कर मार डालती है। कहना मुश्किल है कि क्रिस्टीन स्वयं चल रही थी या आर्नी उसे चला रहा था। सुबह पुलिस का एक आदमी आर्नी से इस घटना की पूछताछ करता है लेकिन उसे आर्नी और क्रिस्टीन पर सबूतों के कोई निशान दिखाई नहीं देते, और मजबूरन उसे आर्नी से अपनी पूछताछ बंद करनी पड़ती है।

इधर ली डेनिस से आर्नी के बदले हुए तेवर की चर्चा करना चाहती है, वह चाहती है कि डेनिस स्वयं इसे देखे और कारणों का पता लगाए। डेनिस आर्नी के साथ उसकी कार में जाता है और बातों ही बातों में आर्नी डेनिस को बताता है कि आज वह जो कुछ भी है वह सिर्फ़ क्रिस्टीन के कारण है और वह अपने और क्रिस्टीन के बीच किसी को नहीं आने देगा। डेनिस उसके बदले हुए तेवर भांप लेता है, वह क्रिस्टीन का माइलोमीटर भी देखता है जो सीधे के बजाय उल्टा चल रहा है यानी क्रिस्टीन जितना अधिक चलेगी मीडर उतनी ही कम रीडिंग दिखाएगा। डेनिस को आर्नी की बातों से अंदाज़ा लग जाता है कि आज रात डार्नेल नहीं रहेगा।

उसी रात एक और घटना घटती है। क्रिस्टीन बडी और उसके एक और साथी का पीछा करती है और उनकी कार के परखच्चे उड़ा देती है। क्रिस्टीन एक पेट्रोल पंप में भी विस्फोट करा देती है। बडी का साथी तो पेट्रोल पंप पर हुए धमाके में मारा जाता है लेकिन क्रिस्टीन बडी को दौड़ाकर मारती है। यह दृश्य वाक़ई अच्छा बन पड़ा है, क्रिस्टीन जल चुकी है और उससे आग की लपटें निकल रही हैं, लेकिन वह ग़ुस्से से पागल होकर बडी का पीछा करती है और उसे अपनी चपेट में लेकर जलाकर मार डालती है। इस दृश्य को देखकर कहना पड़ता है ‘जॉन कारपेन्टर यू आर सिंपली ग्रेट!’ बडी और उसके साथी की हत्या कर क्रिस्टीन रात को डार्नेल के गैरेज में आ पहुँचती है। रात गए क्रिस्टीन को जली भुनी हालत में देखकर डार्नेल आर्नी पर भड़क उठता है। क्रिस्टीन चुपचाप अपनी जगह पर जाकर खड़ी हो जाती है। डार्नेल को आर्नी पर ग़ुस्सा आता है। वह उसे गैरेज से निकाल भगाने की गरज से क्रिस्टीन के पास जाता है लेकिन दरवाज़ा खोलते ही उसके होश उड़ जाते हैं क्योंकि क्रिस्टीन के अंदर कोई नहीं है। डार्नेल सोचता है कि फिर उसे चला कौन रहा था। इसी बीच क्रिस्टीन के दरवाज़े अपने आप बंद होकर जाम हो जाते हैं, रेडियो अपने आप शुरू हो जाता है और ड्राइवर सीट (जिस पर डार्नेल बैठा रहता है) अचानक आगे की ओर सरकने लगती है और उसे दबाकर उसका दम निकाल देती है।

इस केस की गहन छानबीन की गरज से पुलिस डार्नेल के गैरेज पर आती है, वहाँ आर्नी भी पहुँचता है और देखता है कि क्रिस्टीन पर रात की घटना का कोई प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है। वह फिर से एकदम नई और चमचमाती हुई दिखाई दे रहा है। हालांकि पुलिस अधिकारी को आर्नी पर शक है लेकिन कोई भी सुराग के न मिलने पर उन्हें केस की छानबीन मजबूरन बंद करनी पड़ती है। डेनिस समझ जाता है कि ली झूठ नहीं बोल रही है। क्रिस्टीन वाकई अभिशप्त है, और वह अपना खेल तभी बंद करेगी जब वह अपने मालिक आर्नी की जान ले लेगी। आर्नी के बदले हुए तेवर भी इस बात का सबूत देते हैं कि आर्नी अब वह आर्नी नहीं रहा जिसे लोग एक शर्मीले और संकोची नौजवान के रूप में जाना करते थे। वह मुँहफट, बदतमीज़, ग़ुस्सैल और बदमिज़ाज हो चुका है। उसे किसी की कोई परवाह नहीं है। अगर वह किसी से प्यार करता है तो वह है क्रिस्टीन और केवल क्रिस्टीन।

डेनिस और ली आर्नी को क्रिस्टीन के चंगुल से मुक्त कराने का संकल्प लेते हैं। डेनिस और ली दोनों जानते हैं कि आर्नी रात में डार्नेल के गैरेज में ही अपनी गाड़ी रखता है। ली और डेनिस पहले ही वहाँ पहुँच जाते हैं। डेनिस अब भी पैरों की चोट से घायल है और पूरी तरह तंदुरुस्त नहीं है। डार्नेल के गैरेज के पास ही एक बड़ा कैटरपिलर बुलडोज़र रखा हुआ है। डेनिस उसे किसी तरह चालू करता है और उसे लेकर गैरेज के अंदर आ जाता है। डेनिस ली से नीचे रहने को कहता है ताकि वह आर्नी के ग़ुस्से को संभाल सके। डेनिस और ली आर्नी के आने का इंतज़ार करने लगते हैं। कुछ देर में आर्नी वहाँ पहुँचता है और डेनिस तथा ली को एक साथ देखकर आगबबूला हो जाता है। उसे एक पल के लिए लगता है कि डेनिस और ली उसे फँसाने की कोशिश कर रहे हैं। वह क्रिस्टीन में सवार होकर ली पर झपटता है। ली अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागती है लेकिन आर्नी उसे मारने कुचलने पर आमादा हो जाता है। दीवार पर एक घातक टक्कर के परिणामस्वरूप आर्नी घायल हो कार से बाहर गिर जाता है और थोड़ी ही देर में दम तोड़ देता है। अब क्रिस्टीन भी ली को मारने पर तुल जाती है लेकिन इससे पहले की वह ली को छू पाती, डेनिस उस पर बुलडोज़र लेकर चढ़ जाता है। क्रिस्टीन बुलडोज़र की मार नहीं सह पाती और उसकी विशाल चेन के नीचे आकर चकनाचूर हो जाती है। डेनिस को इस पर भी चेन नहीं आता और वह बुलडोज़र से क्रिस्टीन को कई बार रौंद देता है। क्रिस्टीन की हेडलाइट्स बुझ जाती हैं जो बताती हैं कि क्रिस्टीन दम तोड़ चुकी है।

फ़िल्म के आख़िरी दृश्य में दिखाया जाता है कि क्रिस्टीन कूड़े की शक्ल में बदल चुकी है और वह कूड़ा घनाकार है। ली और डेनिस को अब भी विश्वास नहीं है कि यह वही क्रिस्टीन है जिसने इतने लोगों को मौत के घाट उतारा है। अचानक ही कहीं से रेडियो बज उठता है। डेनिस और ली घबराकर इधर-उधर देखते हैं कि तभी उन्हें एक मज़दूर हाथों में बजता हुआ रेडियो लिए दिखाई देता है। वे राहत की साँस लेते हैं और अपने घर की ओर चल देते हैं। कूड़े की शक्ल में बदली क्रिस्टीन के कलपुर्जों में अब भी कोई छोटी-सी हरकत होती है, जिसका तात्पर्य है कि खेल अभी ख़त्म नहीं हुआ है।


समीक्षा

इस फ़िल्म की कहानी प्रवाहमय और रोचक है। यह एक आश्चर्यजनक परिकल्पना है कि कोई कार ख़ून की प्यासी भी हो सकती है। क्रिस्टीन का दरिंदगी से अपने दुश्मनों का सफ़ाया करना और अंत में अपने मालिक की जान भी ले लेना इस बात के पक्के सबूत हैं कि क्रिस्टीन किसी की नहीं है और वह केवल ख़ून की प्यासी है। हालांकि इस फ़िल्म में इसका कहीं ज़िक्र नहीं है कि क्रिस्टीन किसी आत्मा के वशीभूत हो ऐसा कर रही है या फिर किसी शाप के। कहानी में यही एक कमज़ोर कड़ी है कि इसका कहीं भी ज़िक्र नहीं किया गया है कि क्रिस्टीन ये हत्याएँ किसी के इशारे पर कर रही है या फिर अपने आप। ख़ैर फ़िल्म का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन करना होता है और इस लिहाज़ से यह फ़िल्म काफ़ी मनोरंजक बन पड़ी है। फ़िल्म का मसाला तो कुछ ख़ास नहीं है इसलिए आर्नी, उसके परिवार, डेनिस, ली, बडी और ऐसे ही पात्रों को लेकर कहानी को बेकार में खींचा गया है। यदि इनकी भूमिका को काट-छाँट कर थोड़ा कम किया जाता और इसके बजाय क्रिस्टीन के कुछ और कारनामे भरे जाते तो फ़िल्म थोड़ी और रोचक हो सकती थी। बहरहाल जॉन कारपेन्टर की 'हैलोवीन’ को अगर 10/10 नंबर दिए जाएंगे तो क्रिस्टीन को 7/10 देना सही रहेगा। एक कार को हत्या करते देख दर्शकों को समय-समय पर वह ज़बरदस्त झटका नहीं लगता जैसा किसी क़ातिल के एकाएक सामने आ जाने पर लगता है। इसके बाद भी क्रिस्टीन अपने रहस्यमय रंगरूप, चाल, गति, और आकर्षण के कारण बहुत दिनों तक दर्शकों के मन में अपनी छाप छोड़ने में सफल हुई। जॉन कारपेन्टर आपका धन्यवाद!

Wednesday, November 5, 2008

The Ring - 2002




द रिंग

रिलीज़ वर्ष - 2002
निर्देशक - गोर वर्बिन्स्की
निर्माता - वॉल्टर एफ़. पार्कस, रॉय ली, लॉरी मैक्डॉनल्ड, माइकल मकारी
कलाकार - नओमी वॉट्स, डेवी चेज़. मार्टिन हेंडरसन, डेविड डॉर्फ़मैन, ब्रायन कॉक्स, जेन अलेक्ज़ेंडर, लिंडसे फ़्रॉस्ट, एम्बर टैम्बलिन, रेचल बेला, शैनन कॉचरन

'द रिंग' वर्ष 2002 में बनी हॉरर फ़िल्म है जो जापानी हॉरर फ़िल्म 'रिंगु' का रीमेक है। 'रिंगु' जापान में वर्ष 1998 में बनी एक हॉरर फ़िल्म थी, जिसने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। वैसे मैंने इस फ़िल्म के दोनों ही संस्करण देखें हैं और सच कहूँ तो मुझे रीमेक वाला संस्करण इसके मूल संस्करण (जापानी संस्करण) से बेहतर लगा। कारण था, इसकी उन्नत फ़ोटोग्राफ़ी, सीजीआई ग्राफ़िक्स, और परिचित चेहरे। इस फ़िल्म के निर्माण में 48 मिलीयन डॉलर की राशि ख़र्च की गई लेकिन फ़िल्म ने लगभग 2 करोड़ डॉलर का व्यवसाय किया। इससे साबित होता है कि फ़िल्म व्यावसायिक दृष्टिकोण से सफल हुई। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएँ निभाने वाले कलाकार नओमी वॉट्स और मार्टिन हेंडरसन मंजे हुए कलाकार हैं। साथ ही उन दोनों की जोड़ी बहुत अच्छी लगती है। फ़िल्म की कहानी एक अभिशप्त वीडियो टेप के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे देखनेवाला व्यक्ति 7 दिनों में मर जाता है। इस वीडियो टेप में विचलित करने वाले कुछ दृश्य हैं जिन्हें देखकर दिमाग़ एक अजीब-से जगत में पहुँच जाता है। यह वीडियो टेप कैसे अस्तित्व में आया इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना ज़रूर है कि फ़िल्म में एक रिपोर्टर की भूमिका निभाने वाली नओमी वॉट्स इस टेप के मूल स्थान का पता लगाने में सफल हो जाती है। इस बीच उसे किन मानसिक परिस्थितियों से गुज़रना पड़ता है, उस अभिशप्त वीडियो टेप का शाप किस प्रकार झेलना पड़ता है, और अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए किस तरह संघर्ष करना पड़ता है आइए पढ़ें।

कथा-संक्षेप

फ़िल्म की शुरुआत में दो हाईस्कूल की लड़कियों केटी (एम्बर टैम्बलिन) और बेका (रेचल बेला) को दिखाया जाता है। रात का समय है और केटी के माँ-बाप कहीं बाहर गए हुए हैं। केटी और बेका साथ बैठकर टीवी देखने से बोर हो जाती हैं, और फिर टीवी बंद कर देती हैं। बातो-बातों में बेका केटी से एक वीडियो टेप का ज़िक्र करती है जिसे देखनेवाला व्यक्ति 7 दिनों में मर जाता है। बेका बताती है कि देखनेवाला टेप देखता है, और उसके कुछ देर बाद एक फ़ोन आता है। फ़ोन करने वाला व्यक्ति कहता है कि तुम्हारे पास 7 दिन हैं। किसी को पता होता है कि आपने वह टेप देख ली। केटी कहती है कि उसने पिछले सप्ताह यह फ़िल्म अपने दोस्तों के साथ तब देखी थी जब वे छुट्टियाँ मनाने के उद्देश्य से शेल्टर माउन्टेन इन नामक पर्वतीय होटल के एक केबिन में गए थे। केटी बताती है कि वहाँ टीवी के प्रोग्राम स्पष्ट नहीं आते थे इसलिए वहाँ के प्रबंधन ने वीडियो प्लेयर रखा हुआ था। उसके मित्र कोई फ़ुटबॉल गेम देखना चाहते थे लेकिन उन्होंने फ़ुटबॉल गेम का वीडियो कैसेट समझ कर जिस कैसेट को चलाया था उसमें कुछ और था। केटी यह सब बताते-बताते अचानक ऐसी हरकतें करने लगती है, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उसका गला घोंट रही हो। बेका एक क्षण के लिए डर जाती है लेकिन जब उसे पता चलता है कि केटी मज़ाक कर रही थी तो वह उस पर अपना कृत्रिम ग़ुस्सा उतारती है। कुछ देर में कमरे के बाहर रखा फ़ोन बजने लगता है। केटी और बेका दोनों बाहर आते हैं। बेका फ़ोन उठाती है और केटी को देती है और ख़ुद हँसते हुए ऊपर कमरे में चली जाती है।फ़ोन केटी की माँ ने किया है, वह केटी से उसका हालचाल पूछती है और उसे ख़ुद का ख़याल रखने को कहती है। फ़ोन हाथ में लिए-लिए केटी देखती है कि ड्राइंग रूम में रखा टीवी अपने आप चलने लगता है। केटी घबराकर देखती है तो वहाँ कोई नहीं बैठा होता है। केटी रिमोट से टीवी तुरंत बंद कर देती है और घबरा कर पलटती है कि तभी टीवी फिर से चालू हो जाता है। केटी भीतर से बेहद डर जाती है। वह झपटकर टीवी का तार निकाल देती है और टीवी बंद हो जाता है लेकिन बंद टीवी के स्क्रीन पर उसे एकाएक कुछ लहराता हुआ दिखता है। केटी इसे अपना वहम समझकर ऊपर चली जाती है। अपने कमरे के पास पहुँचने पर उसे फ़र्श पर पानी फैला नज़र आता है। वह आशंका से भर उठती है और धीरे-से से दरवाज़े का हैंडल घुमाती है। अंदर का दृश्य कुछ ऐसा होता है कि केटी के मुँह से भयानक चीख़ निकल जाती है। उसके बाद सीन समाप्त हो जाता है।

रेचल केलर (नओमी वॉट्स) एक बहुत ही योग्य प्रेस-रिपोर्टर है। वह अपने छः वर्षीय बेटे एडन केलर (डेविड डॉर्फ़मैन) को लेने स्कूल आती है। एडन गुमसुम रहने वाला बच्चा है, रेचल को माँ न कहकर रेचल कहता है और बहुत कम बोलता है। जब रेचल उसे लेने आती है तो वह क्लास में अकेला बैठा ड्रॉइंग करता रहता है। रेचल को देखते ही वह अपना बस्ता समेटकर खड़ा हो जाता है और रेचल से कहता है कि वह बाहर कार में उसका इंतज़ार करेगा। एडन की टीचर रेचल से कुछ बात करना चाहती है। टीचर उसे एडन की आदतों के बारे में बताती है। रेचल समझती है कि टीचर को लगता है रेचल एडन का ठीक से ख़याल नहीं रख पाती। केटी रेचल की बहन की लड़की थी, और वह एडन के काफ़ी करीब थी। वे दोनों दोस्त की तरह रहा करते थे। केटी की मौत से एडन को सदमा लगा है। टीचर कहती है कि एडन ने कुछ अजीब-से चित्र बनाए हैं। वह चित्र रेचल को दिखाती है। एडन ने एक चित्र बनाया है जिसमें एक लड़की ज़मीन के अंदर सोई हुई है। साफ़ है कि उसने चित्र में उस लड़की को मरा हुआ दिखाया है। रेचल टीचर से कहती है कि केटी के जाने से एडन ख़ुद को अकेला महसूस करता है, और शायद इसलिए उसने ऐसे कुछ चित्र बनाए होंगे और यह कि केटी को मरे अभी केवल 3 ही दिन बीते हैं और इतने कम समय में एडन उसे नहीं भूल सकता। टीचर कहती है कि भले ही केटी 3 दिन पहले मरी होगी, लेकिन एडन ने वह चित्र लगभग एक सप्ताह पहले बनाया था। रेचल को आश्चर्य होता है लेकिन वह उसे टीचर के समक्ष नहीं दर्शाती।

रात को सोने से पहले एडन रेचल से पूछता है, “रेचल क्या हम जान सकते हैं कि हमारी मौत कब होने वाली है?” रेचल यह सवाल सुनकर हैरत में पड़ जाती है और कहती है, “नहीं यह कोई नहीं जानता, लेकिन तुम क्यों पूछ रहे हो?” जवाब में एडन फिर सवाल करता है, “क्या तुम जानती हो कि मैं कब मरने वाला हूँ?” रेचल कहती है, “अभी तुम्हारे पास बहुत समय है और तुम्हें ऐसी बातें सोचने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि कोई नहीं जानता कि मौत कब आने वाली है।” एडन कहता है, “केटी जानती थी कि वह मरने वाली है।” रेचल पूछती है, “क्या उसने ख़ुद तुमसे ऐसा कहा था?” एडन जवाब देता है, “नहीं, उसने कहा था कि उसके पास वक़्त बहुत कम है।” और इस जवाब के साथ ही एडन रेचल को ‘गुडनाइट’ कह देता है।

अगली शाम वे केटी की अंत्येष्टि के बाद उसके घर जाते हैं। केटी के घर का माहौल बहुत ग़मग़ीन है, और उसके सभी रिश्तेदार व दोस्त उसकी अंत्येष्टि के बाद वहाँ इकट्ठा हुए हैं। रेचल की बहन बेहद दुःखी है क्योंकि केटी नहीं रही। उसे समझ नहीं आ रहा कि डॉक्टरों ने उसकी मौत का कारण हार्ट-अटैक बताया है लेकिन उसने पहले कभी-भी ऐसा नहीं सुना या देखा था कि कोई 16 वर्ष की लड़की हृदयगति रूक जाने से मरी हो। वह केटी को बताती है कि उसने केटी की लाश देखी थी और उसका चेहरा बेहद विकृत हो चुका था। वह रेचल से अनुरोध करती है कि वह केटी की मौत के असली कारण का पता लगाए। रेचल पहले तो कुछ समझ नहीं पाती लेकिन फिर वह इस केस को अपने हाथों में लेने का मन बना लेती है। घर से बाहर आकर रेचल अपनी खोजबीन शुरु करती है। पहले वह केटी के कुछ मित्रों से मिलती है, जो उसे बताते हैं कि केटी का ब्वॉयफ़्रेंड जॉस भी उसी रात मरा था जिस रात केटी की मौत हुई थी। केटी के दोस्त किसी वीडियो टेप के बारे में बताते हैं जिसे देखनेवाला इंसान 7 दिनों में मर जाता है। उसे यह भी पता चलता है कि केटी की सहेली बेका, जो हादसे वाली रात को केटी के साथ थी, वह भी किसी मानसिक चिकित्सालय में शिफ़्ट कर दी गई है। शायद उसने कुछ ऐसा देखा था जिसके कारण वह पागल होने की कगार तक पहुँच गई थी। रेचल उनसे और जानकारियाँ लेने लगती है। इस बीच एडन केटी के कमरे में जाकर उसे याद करता रहता है। कुछ देर बाद रेचल एडन को लेने वहाँ आती है और केटी के कमरे मे रखा सामान उलट-पलट कर देखने लगती है ताकि इस दुर्घटना का कोई सुराग मिल सके। उसे फ़ोटो लैब की एक रसीद मिलती है जो शायद केटी को उस फ़ोटो लैब से मिली थी जहाँ उसने शेल्टर माउंटेन इन में उतारे गए फ़ोटो धुलने को दिए थे। रेचल को एक मैगज़ीन भी मिलती हैं, जिसमें लड़कियों की फ़ोटो हैं, और हर फ़ोटो को चेहरे को पेन से गोद दिया गया है।

अगली सुबह रेचल उस फ़ोटो लैब में जाती है जहाँ केटी ने फ़ोटो धुलने को दिए थे। सारे फ़ोटो में केटी और उसके मित्र दिखाई देते हैं, लेकिन एक फ़ोटो ऐसी है जिसमें लोगों के चेहर भद्दे-से और तोड़े-मरोड़े हुए दिखाई देते हैं। रेचल को लगता है कि तस्वीर साफ़ नहीं आई होगी। उसी दिन वह शेल्टर माउंटेन इन की ओर चल पड़ती है। शेल्टर माउंटेन इन पहाड़ों पर बिलकुल एकांत में स्थित एक कॉटेज होटल है। लोग आबादी से दूर घने जंगल व पहाड़ों पर बसी इसी छोटी-सी सैरगाह में आते हैं। यहाँ लकड़ी से बने कई केबिन हैं जिनमें बुनियादी सुविधाओं के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है। रेचल यहाँ पहुँचकर रिसेप्शन पर बैठे आदमी से कुछ देर बातें करती है, और केटी व उसके दोस्तों के बारे में पूछती है। रिसेप्शन पर बैठा आदमी उसे बताता है कि उन लोग हफ़्ते भर पहले आए थे और केबिन नंबर 12 में ठहरे थे। वह आदमी बताता है कि यहाँ क्योंकि टीवी सिग्नल अच्छा नहीं होता इसलिए शेल्टर माउंटेन इन के प्रबंधन विभाग ने हर केबिन में वीडियो की सुविधा उपलब्ध करवा रखी है। और बहुत-से लोग तो देखने के बाद वीडियो टेप केबिन में ही छोड़ कर चले जाते हैं। रेचल कुछ और सुराग ढूँढ़ने की इच्छा से केबिन नंबर 12 में रुकने की इच्छा जताती है और वीडियो कैसेट की शेल्फ़ की ओर बढ़ जाती है। वह वहाँ वीडियो कैसेट देखने लगती है कि तभी उसे एक वीडियो टेप दिखाई देता है जिस पर किसी प्रकार का कोई नाम, या लेबल नहीं होता। रेचल वह वीडियो टेप चुपचाप अपने पर्स में रख लेती है, और फिर केबिन नंबर 12 में आ जाती है। केबिन के अंदर पहुँचकर रेचल वह वीडियो टेप चलाती है, पहले तो टीवी स्क्रीन पर कुछ नहीं आता लेकिन फिर एकाएक अजीब-से दृश्य उभरने लगते हैं। आप भी यह टेप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।

http://in.youtube.com/watch?v=pRX-Qgj9WsQ

टेप देखते-देखते रेचल की आँखों की पुतली भय, आशंका, व हैरत से फैल जाती हैं। इससे पहले कि वह कुछ फ़ैसला कर पाती, उसके केबिन में रखे फ़ोन की घंटी बज उठती है। रेचल फ़ोन उठाती है लेकिन उसे दूसरी ओर से एक छोटी बच्ची की आवाज़ सुनाई देती है, जो रेचल से कहती है “सात दिन”, और फ़ोन कट जाता है। रेचल को लगता है कि किसी ने यह भद्दा मज़ाक किया होगा और यह कॉल किसी ने आसपास से की होगी। वह केबिन से तुरंत बाहर निकलकर आती है, लेकिन बाहर सिवाय वीराने और जंगल के फैले हुए धुंध-भरे सन्नाटे के अलावा कोई नहीं है। रेचल के पास अब वापस लौटने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं है।

अब हम देखेंगे कि अगले 7 दिनों में रेचल के साथ कौन-कौन सी घटनाएँ हुईं:

पहला दिन (गुरुवार)

घर वापस आकर रेचल फिर से वह टेप देखती है और अपने भूतपूर्व पति नोआह (मार्टिन हेंडरसन) को फ़ोन करती है। नोआह वीडियो एक्सपर्ट है और वह रेचल को इस टेप के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएँ दे सकता है। रेचल और नोआह पहले पति-पत्नी थे, और एडन उन्हीं की संतान है। कुछ आपसी मतभेदों के चलते दोनों अब पति-पत्नी की तरह नहीं रहते लेकिन उनके संबंध अभी-भी दोस्ताना हैं। रेचल उस वीडियो टेप के बारे में नोआह को बताने लगती है। नोआह को विश्वास नहीं होता तो रेचल नोआह से अपनी फ़ोटो उतारने के लिए कहती है। नोआह फ़ोटो तो बिलकुल सही उतारता है लेकिन वह फ़ोटो भद्दी-सी आती है। फ़ोटो में रेचल का चेहरा ठीक उसी प्रकार तोड़ा-मरोड़ा हुआ दिखाई देता है, जैसा रेचल ने केटी और उसके दोस्तों की फ़ोटो में देखा था। रेचल के कहने पर नोआह उससे उस वीडियो की पूरी कहानी सुनता है और फिर स्वयं उस टेप को देखने की इच्छा प्रकट करता है। रेचल के मना करने पर भी नोआह नहीं मानता और वह वीडियो टेप देख ही लेता है। वह रेचल से उस टेप की एक कॉपी बनाकर देने को कहता है ताकि उस टेप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिल सकें। नोआह के वीडियो देखने के बाद रेचल का फ़ोन बजता है, लेकिन रेचल डर के मारे उसे रिसीव नहीं करती। उस अज्ञात व्यक्ति ने अपना संदेश आंसरिंग मशीन पर भी छोड़ रखा है।

दूसरा दिन (शुक्रवार)

रेचल नोआह के स्टूडियो जाती है और दोनों मिलकर उस वीडियो टेप का मुआयना करने लगते हैं। रेचल नोआह से उस वीडियो के उद्गम का पता लगाने को कहती है, लेकिन उस टेप में ऐसा कुछ है जिसके कारण नोआह जैसा वीडियो विशेषज्ञ भी वीडियो के उद्गम स्थान का पता नहीं लगा सकता। वह रेचल को बताता है कि इस वीडियो टेप में ट्रैकिंग कोड मौजूद नहीं है, जिसके आधार पर किसी वीडियो के उद्गम स्थान का पता लगाया जाता है। उस बीच नोआह की एक मित्र बेथ आ जाती है। नोआह कहता है कि वे बेथ के सामने अपना काम जारी रख सकते हैं लेकिन रेचल ऐसा नहीं चाहती और वीडियो लेकर बाहर निकल जाती है। बाहर निकलकर उसे एक लंबी सीढ़ी नज़र आती है और उसे याद आता है कि वीडियो में एक लंबी सीढ़ी भी दिखाई गई थी। न चाहते हुए भी उसका दिमाग़ वीडियो की उन छवियों को उसके विचारों से अलग नहीं कर पाता।

तीसरा दिन (शनिवार)

अगले दिन रेचल बेका से मिलने मानसिक रोगियों के अस्पताल जाती है। बेका अब इतनी डरी हुई है कि वह टीवी को आँख भरकर देखना भी नहीं चाहती। रेचल उससे केटी की मृत्यु का कारण पूछती है और जवाब में बेका रेचल का हाथ अपने हाथों में लेकर कहती है कि चार दिनो में उसे ख़ुद पता चल जाएगा कि केटी कैसे मरी थी। रेचल अपने ऑफ़िस के लैब में जाकर उस टेप की गहन छानबीन करने लगती है। रेचल को उन छवियों में एक लाइट हाउस नज़र आता है।

चौथा दिन (रविवार)

रेचल लाइब्रेरी जाकर उस लाइट हाउस के बारे में पता लगाने का प्रयास करती है। बहुत-सी किताबें खंगालने के बाद उसे एक पुरानी किताब में उस लाइटहाउस के बारे में जानकारी मिलती है। वह लाइट हाउस मोएस्को द्वीप में है। रेचल को उन छवियों में एक बाल सँवारती महिला की छवि नज़र आती है, रेचल उसके बारे में भी इंटरनेट पर पता लगाती है तो पता चलता है कि वह तस्वीर एना मॉर्गन (शैनन कॉचरन) नामक औरत की है। एना मॉर्गन और उसका पति रिचर्ड मॉर्गन कभी मोएस्को द्वीप के सबसे धनी लोग माने जाते थे। उनका घोड़ों का फार्म था जहां वे उन्नत नस्ल को घोड़े तैयार करते, और जगह-जगह सप्लाई करते। उनके घोड़े देश-विदेश में निर्यात किए जाते थे। वीडियो में रेचल को मरे हुए घोड़े दिखते हैं, और वीडियो के आख़िर-आख़िर में एना मार्गन किसी ऊँची पहाड़ी से नीचे कूदकर आत्महत्या करती दिखाई देती है।

पाँचवाँ दिन (सोमवार)

रेचल पर वीडियो देखने का असर हो रहा है और उसका मन बार-बार कुछ अजीब-से अहसासों से भरने लगता है। वीडियो में उसे एक मक्खी की छवि नज़र आती है। उसे पहले तो लगता है कि मक्खी टीवी के अंदर है, लेकिन जब वह मक्खी को हाथ से छूती है तो पाती है कि मक्खी असली है, और वह उस मक्खी को अंगुली और अंगूठे की बीच रखकर देखने लगती है। उसे समझ नहीं आता कि यह क्या गोरखधंधा है, अचानक उसकी नाक से ख़ून निकलने लगता है। नोआह को भी भयानक अहसास सता रहे हैं, और उसे भी अपना चेहरा कैमरे पर तोड़ा-मरोड़ा हुआ नज़र आता है। रात में रेचल को एक भयानक सपना आता है जिसमें वह देखती है कि वह फ़ोन पर बातें कर रही है और बातें करते-करते अचानक ही वह खाँसने लगती है। खाँसना बढ़ता ही जाता है और अंत में उसके मुँह से एक इलेक्ट्रोड निकलने लगता है। जी हाँ वही इलेक्ट्रोड जिससे पागलों के शरीर पर बिजली के झटके दिए जाते हैं। फिर वह देखती है कि एडन के कमरे में बीचोबीच कुर्सी पर एक छोटी-सी लड़की अपने सिर के बालों से अपना चेहरा ढंककर बैठी हुई है। रेचल उस लड़की के क़रीब जाती है और वह लड़की उसका हाथ पकड़ लेती है। उसके छूने से रेचल की कलाई पर जलने के निशान बन जाते हैं। रेचल चीख़ मारकर उठ जाती है, और अपनी कलाई देखती है। आश्चर्य कि उसे अपनी कलाई पर ठीक वैसा ही निशान दिखाई देता है जैसा उसने सपने में अभी-अभी देखा था। वह एडन के कमरे की ओर भागती है। जैसा कि रेचल को लगा था, एडन अपने कमरे में नहीं है। रेचल को समझ नहीं आता कि इतनी रात गए एडन जैसा छोटा-सा बच्चा कहाँ जा सकता है? अचानक रेचल देखती है कि उनके ड्रॉइंग रूम के दरवाज़े के नीचे से कुछ रौशनी बाहर आ रही है। रेचल समझ जाती है कि ड्रॉइंग रूम में रखा टीवी चल रहा है। रेचल भड़ाक् से दरवाज़ा खोलती है, और पाती है कि एडन टीवी के सामने बैठकर वह वीडियो टेप देख रहा है। रेचल वहाँ तब पहुँची है जब उसके बेटे ने पूरा वीडिया देख लिया है। वह बेहद दुःखी होकर एडन को अपने सीने से लगाती है और बुझे मन से नोआह को इसकी ख़बर देती है।

छठाँ दिन (मंगलवार)

नोआह और रेचल मोएस्को द्वीप पर जाने की योजना बनाते हैं। रेचल पहले जाकर एना मॉर्गन के फ़ार्म का पता लगाना चाहती है। एडन उसे एक तस्वीर बनाकर देता है, जिसमें उसने एक घर, एक दंपत्ति व उनकी छोटी बच्ची का चित्र बनाया है। रेचल वह तस्वीर अपने पास रख लेती है और मोएस्को द्वीप पर जाने वाली फ़ेरी में बैठ जाती है। एना के बारे में जमा की गई जानकारी को पढ़ते समय रेचल को अनायास ही पता चलता है कि एना की कोई बेटी भी थी। फ़ेरी में एक कंटेनर के अंदर एक घोड़ा है। शायद उसका मालिक उसे मोएस्को द्वीप ले जा रहा है। रेचल घोड़े के पास आकर उसे पुचकारती है लेकिन घोड़ा बेहद भड़क जाता है और कंटेनर तोड़कर बाहर निकल आता है। वह बेक़ाबू होकर तेज़ी से इधर-उधर दौड़ने लगता है और अंत में समुद्र में कूद जाता है, और फिर फेरी के शक्तिशाली प्रॉपेलर्स उसका जिस्म टुकड़ों में बदल देते हैं। रेचल ने ऐसा दृश्य भी वीडियो में देखा था, जिसमें उसे समुद्र का पानी लाल होता दिखाई देता है। रेचल मोएस्को द्वीप पहुँचती है और सीधा एना मॉर्गन के फ़ार्म पर जाती है। वहाँ उसे एना का पति रिचर्ड मॉर्गन मिलता है। रिचर्ड मॉर्गन ने अब घोड़ों का कारोबार बंद कर दिया है और अपने कई एकड़ के फार्म की देखभाल करता है। रेचल उसे अपना परिचय देती है और उसे बताती है कि वह एक रिपोर्टर है। रिचर्ड को लगता है कि रेचल औरों की तरह उसके घोड़ों के बारे में इंटरव्यू लेने आई होगी, लेकिन जब रेचल उसे अपने आने का उद्देश्य बताती है तो रिचर्ड का चेहरा सिकुड़ जाता है। रेचल उसे वीडियो टेप के बारे में बताती है और उसके बारे में पूछताछ करती है। वह रिचर्ड से उसकी बेटी के बारे में भी पूछताछ करती है लेकिन रिचर्ड भड़क जाता है, और उससे कोई सहयोग नहीं करता। वह उससे कहता है कि उसकी कोई बेटी नहीं थी। वह रेचल से कहता है कि रिपोर्टर दूसरों की ज़िंदगी की निजी बातों को आम करने तथा उन्हें बीमारी की तरह दुनियाँ में फैलाने का काम करते हैं, और वह रेचल से बाहर निकल जाने को कहकर दरवाज़ा बंद कर देता है। बाहर निकलकर रेचल मॉर्गन के घर पर नज़र डालती है तो उसे वह घर ठीक वैसा ही दिखाई देता है जैसा एडन ने अपने चित्र में बनाकर उसे दिया था। रेचल एडन को फ़ोन करती है और उससे पूछती है कि उसने वह चित्र क्यों बनाया, जवाब में एडन कहता है कि उसे एक छोटी बच्ची ने वह चित्र बनाने को कहा था, वह उसे कई दृश्य दिखाती है और एक अंधेरी जगह में रहती है।

रिचर्ड के रवैये से हताश होकर रेचल मोएस्को द्वीप की एक डॉक्टर के पास जाती है। उसका नाम डॉक्टर ग्रॉज़निक है। डॉक्टर ग्रॉज़निक उसे मॉर्गन दंपत्ति के बारे में इससे ज़्यादा कुछ नहीं बताती कि जब से वह लड़की मॉर्गन दंपत्ति की ज़िंदगी में आई तभी से उनके बुरे दिन शुरु हो गए। उनके घोड़ों का फ़ार्म तबाह हो गया क्योंकि बहुत सारे घोड़े पागल हो गए और उन्होंने समुद्र में कूदकर आत्महत्या कर ली। जो बच गए थे रिचर्ड मॉर्गन ने उन्हें बीमारी फैल जाने के डर से गोली मार दी। लेकिन जब से वह लड़की समारा (डेवी चेज़) मोएस्को द्वीप से गई है तब से दुर्भाग्य भी चला गया है और समय सामान्य होता जा रहा है। डॉक्टर ग्रॉज़निक रेचल को बताती है कि समारा को किसी मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया गया था लेकिन उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा।

इधर नोआह अपनी तफ़्तीश में व्यस्त है। वह अस्पताल जाकर एना मॉर्गन के विषय में जानकारी इकट्ठी करता है। उसे पता चलता है कि एना बार-बार गर्भपात का शिकार हुई और यह कि उसने एक समारा नाम की लड़की को गोद लिया था। नोआह को एक विशेष बात यह भी पता चलती है कि समारा में ‘प्रोजेक्टेड थर्मोग्राफ़ी’ नामक अतिदुर्लभ योग्यता थी। यह ऐसी क्षमता होती है जिसके माध्यम से कोई इंसान किसी भी ऐसी चीज़ की तस्वीर उतार सकता है जो उसके मानस पटल पर होती है। चाहे कैमरा हो या न हो, वह किसी भी कैमरा रोल में अपनी मानस तरंगों के ज़रिए तस्वीरें डाल सकता है। उदाहरण के लिए इस शक्ति से युक्त कोई व्यक्ति क़ुतुब-मीनार के सामने खड़ा होकर उसकी फ़ोटो खींचना चाहता है, लेकिन फ़ोटो खींचते समय यदि वह ताजमहल के बारे में सोचता है तो तस्वीर क़ुतुब-मीनार की नहीं बल्कि ताजमहल की आएगी।

कोई ख़ास जानकारी न मिलने के कारण रेचल रिचर्ड मॉर्गन के घर दोबारा आती है। रिचर्ड इस वक़्त घर के अंदर नहीं है। रेचल को टीवी के पास पड़ा एक वीडियो टेप दिखाई पड़ता है, और साथ ही कुछ इलेक्ट्रोड भी। रेचल वह वीडियो टेप चलाती है। वह वीडियो टेप समारा के मानसिक चिकित्सालय में बिताए गए दिनों का है। टेप देखते हुए रेचल को पता चलता है कि समारा को नींद नहीं आती थी, वह अपने पिता रिचर्ड मॉर्गन से ख़फ़ा थी क्योंकि वह उससे ज़्यादा अपने घोड़ों से प्यार करता था। रेचल यह भी समझ जाती है कि रिचर्ड मॉर्गन उसे अपनी बरबादी का कारण मानता था क्योंकि उसके आने से उसके घोड़े पागल हो गए थे। रेचल देखती है कि समारा भी इसे स्वीकार करती थी और भले ही वह किसी को नुक़सान नहीं पहुँचाना चाहती फिर भी यह दुर्भाग्य नहीं रुक सकता। इतने में रिचर्ड मॉर्गन पीछे से आकर रेचल पर वार करता है और टीवी उठाकर बाथरूम में ले जाता है। वह आत्महत्या की तैयारी करने लगता है, और उससे कहता है कि उसकी बीवी की क़िस्मत में माँ बनना नहीं लिखा था, लेकिन उन्होंने एक लड़की गोद ली जिसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ा। रेचल उससे भीख माँगती है कि अगर उसने उनकी मदद नहीं की तो उसका बेटा एडन मर जाएगा। रिचर्ड कहता है, “हाँ वह ज़रूर मरेगा”। ऐसा कहकर वह ख़ुद को बिजली के तेज़ झटके देकर आत्महत्या कर लेता है।

नोआह रेचल के पास पहुँचता है और वे दोनों मॉर्गन फ़ार्म में समारा के बारे में और जानकारियाँ इकट्ठी करने लगते हैं। उन्हें पता चलता है कि समारा जब आसपास हुआ करती थी तो उसकी माँ एना विचलित हो जाती थी और उसे भयानक दृश्य दिखाई देते थे। हारकर रिचर्ड मॉर्गन ने समारा को घोड़ों के अस्तबल में रख दिया लेकिन वहाँ पर भी घोड़े पागल गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली। समारा का कमरा अस्तबल में मचान जैसा था। एक लंबी सीढ़ी पर चढ़कर उसके कमरे तक पहुँचा जा सकता था। वह सीढ़ी देखते ही रेचल उस सीढ़ी के बारे में सोचने लगती है, जिसे उसने वीडियो टेप में देखा था। हाँ, यह वही सीढ़ी है। ऊपर कमरे में पहुँचकर समारा के कमरे की दीवार पर लगे वॉलपेपर के पीछे नोआह को कुछ दिखाई देता है। नोआह वॉलपेपर फाड़ देता है और उन्हें एक पेड़ दिखाई पड़ता है। उस पेड़ को देखते ही रेचल को याद आता है कि यह पेड़ वीडियो टेप में भी था। रेचल नोआह से कहती है कि वह पेड़ उसने पहले देखा था। नोआह पूछता है कि क्या उसने यह पेड़ वीडियो टेप में देखा था। जवाब में रेचल कहती है कि वह उस जगह पर पहले जा चुकी है जहाँ यह पेड़ मौजूद है। और वह जगह है "शेल्टर माउंटेन इन", वह पर्वतीय होटल जहाँ के केबिन में रेचल ने पहली बार यह वीडियो टेप देखी थी।

सातवाँ दिन (बुधवार)

रेचल और नोआह शेल्टर माउंटेन इन में आते हैं और वहाँ से अपनी तलाश शुरु करते है। रेचल का मानना है कि केटी और उसके मित्रों को वह वीडियो टेप केबिन नंबर 12 में मिला था, इसलिए समारा से जुड़े सुराग उन्हें इसी केबिन में मिल सकते हैं। जब उन्हें कुछ नहीं मिलता तो नोआह को ग़ुस्सा आ जाता है और वह ग़ुस्से में चीज़ें उठाकर पटकने लगता है। नोआह गु़स्से से वहाँ रखे कुछ कंचे भी बिखरा देता है लेकिन कंचे लुढ़ककर एक स्थान पर इकट्ठा हो जाते हैं। रेचल समझ जाती है कि वह स्थान खोखला और थोड़ा दबा हुआ है। यह पता चलते ही नोआह लकड़ी से बने फ़र्श को कुल्हाड़ी से काट डालता है। नीचे उन्हें भारी पत्थर से ढँका हुआ एक कुआँ दिखाई देता है। भारी पत्थर को सरकाकर वे कुएँ के अंदर झाँकने लगते हैं लेकिन कुआँ बहुत गहरा है। वे नीचे एक पत्थर भी डालते हैं लेकिन इसके जवाब में मक्खियों का एक झुंड कुएँ से निकलकर उनपर छा जाता है। इसी उठापटक में रेचल को एक धक्का लगता है और वह कुएँ के अंदर जा गिरती है। रेचल को कुएँ के अंदर समारा की हड्डी हो चुकी लाश मिलती है जिसे छूते ही रेचल को समारा की मौत से जुड़े सारे राज़ समझ में आ जाते हैं। रेचल देखती है कि जहाँ पर केबिन नंबर 12 बना हुआ है, पहले वहाँ सिर्फ़ एक कुआँ हुआ करता था। यह स्थान मॉर्गन लोगों की संपत्ति था। समारा के पास होने पर एना को दौरे पड़ने लगते थे, और घोड़े आत्महत्या करने लगते थे। अंत में जब स्थिति बेहद ख़राब हो गई तो एक दिन एना और रिचर्ड समारा के साथ इस स्थान पर आए। समारा कुएँ के पास खड़ी थी कि तभी एना ने पीछे से आकर प्लास्टिक बैग से उसका चेहरा ढँक दिया और उसे कुएँ में ढकेल दिया। फिर उसने कुएँ का मुँह पत्थर से ढँक दिया। कुएँ में गिरने के बाद भी समारा 7 दिनों तक ज़िंदा रही थी। बचने की कोशिश में कुएँ की खड़ी और ऊँची दीवारों पर चढ़ने का प्रयास करते-करते उसके नाख़ून टूट गए थे। अंत में भूख, नींद, डर, कमज़ोरी, अंगों के सड़ने-गलने और भारी कष्ट से कुएँ के अंदर ही उसकी मौत हो गई थी। अब रेचल को समझ में आता है कि असल में यही कुआँ ‘रिंग’ है, क्योंकि कुएँ के अंदर फँसे व्यक्ति को ऊपर देखने पर कुएँ का मुँह रिंग जैसा दिखाई पड़ता था.

नोआह सहायता लेकर आ जाता है और रेचल को कुएँ से निकाल लिया जाता है। नोआह और रेचल समारा की अंत्येष्टि करते है और सोचते हैं इस तरह उन्होंने समारा को मुक्ति दिला दी। रेचल और नोआह घर आते हैं। उन दोनों ने अपनी जान बचाने के साथ-साथ एडन की भी जान बचा ली है, और उनका यही मक़सद उन्हें फिर से नज़दीक ले आया है। एडन उन्हें साथ देखकर बहुत ख़ुश होता है। नोआह रेचल को उसके घर छोड़ता है और उसे संपर्क में बने रहने को कहकर अपने घर चला जाता है।

अगली सुबह एडन रेचल से समारा के बारे में पूछता है। रेचल उसे बताती है अब वह उन्हें कभी परेशान नहीं करेगी क्योंकि उन लोगों ने उसे मुक्ति दे दी है। एडन कहता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्हें समारा की मदद नहीं करनी चाहिए थी, क्योंकि वह किसी का भला नहीं चाहती, और सब से प्रतिशोध लेना चाहती है। वह कभी नहीं सोती इसलिए दुर्भाग्य का यह सिलसिला कभी नहीं रुकेगा। ऐसा कहते हुए एडन की नाक से ख़ून निकलने लगता है। रेचल घबराकर नोआह को फ़ोन करती है लेकिन नोआह फ़ोन नहीं उठाता। रेचल को कोई अनजान डर सता रहा है और वह एडन को कार में लेकर नोआह के घर की ओर निकल पड़ती है।

नोआह अपने स्टूडियो में बैठा काम कर रहा होता है, कि तभी सामने रखा टीवी अपने आप चालू हो जाता है। नोआह टीवी बंद कर देता है लेकिन टीवी अपने आप दोबारा चालू हो जाता है। नोआह को अब टीवी में वही कुआँ नज़र आता है। कुएँ से एक आकृति बाहर निकलकर नोआह की तरफ़ बढ़ने लगती है। फिर एकाएक वह आकृति टीवी से बाहर निकल आती है। वह समारा है! उसके हाथ-पाँव गले हुए है। बाल चेहरे को ढँके हुए हैं और वह नोआह की ओर बढ़ने लगती है। नोआह बेहद डर जाता है और इधर-उधर भागने लगता है, लेकिन वह जहाँ भी जाता, समारा उसे अपने ठीक सामने दिखाई पड़ती। अंत में समारा अपने चेहरे पर से बालों का आवरण हटाती है। उसका भयानक चेहरा देखते ही नोआह की हृदयगति रुक जाती है और डर से उसका चेहरा बेहद विकृत हो जाता है।

रेचल नोआह के ऑफ़िस पहुँचती है और उसे मृत अवस्था में पाती है। वह बहुत दुःखी होकर घर वापस आती है। नोआह ने उसके बाद वह वीडियो टेप देखी थी, और वह मर गया। रेचल ने ऐसा क्या किया था जिससे उसकी जान बच गई। रेचल को याद आता है कि उसने वीडियो की एक कॉपी बनाकर नोआह को दिखाई थी। इसका अर्थ हुआ कि यदि उस टेप को देखने वाला व्यक्ति उस टेप की कॉपी बनाकर किसी दूसरे को दिखाए तो समारा उसे छोड़कर अपने अगले शिकार की ओर बढ़ जाएगी। यदि टेप देखने के बाद कोई व्यक्ति उसकी कॉपी बनाकर किसी दूसरे को नहीं दिखाए, तो समारा निश्चय ही उसे मार डालेगी। रेचल एडन को भी बचाने की ठानती है और एडन के हाथों से उस वीडियो टेप की एक कॉपी बनवाती है। इसके साथ ही फ़िल्म समाप्त हो जाती है।

समीक्षा

यह फ़िल्म एक नई तर्ज़ पर आधारित है, और इसलिए मीडिया पर इसका ख़ूब प्रचार किया गया। नओमी वॉट्स और मार्टिन हेंडरसन ने बहुत अच्छा अभिनय किया है। फ़िल्म समीक्षा साइट रॉटन टमेटोज़ ने इसे 72% अंक दिए। फ़िल्म में बहुत से दृश्य सीजीआई तकनीक का सहारा लेकर फ़िल्माए गए हैं, विशेष रूप से मोएस्को द्वीप के दृश्य। फ़िल्म की पटकथा रोमांचक है और दर्शकों को अंत तक बाँधे रखती है। सीजीआई का कमाल वहाँ पर भी देखने को मिलता है जब समारा टीवी से बाहर निकलकर आती है। फ़िल्म के अंत में रेचल अपने बेटे एडन के हाथों वीडियो टेप की कॉपी ज़रूर बनवाती है, लेकिन वे उसे किसे देते हैं इसकी कोई जानकारी हमें नहीं मिलती। फ़िल्म का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना है और यह मानव मानसिकता के भय वाले पहलू पर बड़ा अच्छा काम करती है। फ़िल्म की कहानी कुछ नई है, शायद इसी लिए दर्शकों ने इसका स्वागत किया। फ़िल्म में ख़ून-ख़राबा नहीं के बराबर है। केवल कुछ घटनाएँ ऐसी दिखाई गई हैं, जैसे घोड़े का फ़ेरी से कूदकर आत्महत्या करना, जो एक तरह की अजीब-सी मनहूसियत दिमाग़ में भर देती है। शायद ये पहली फ़िल्म है जिसमें 'प्रोजेक्टेड थर्मोग्राफ़ी'से लोगों का परिचय होता है। वैसे किसी को सुनाने में यह कहानी भले ही अजीब लगे, लेकिन दर्शक केवल उन भयानक परिणामों का इंतज़ार करते हैं, जो वीडियो देखने वाले को भुगतने पड़ते हैं। केटी की मौत का रहस्य नोआह की मौत से पहले तक नहीं खुल पाता, इसलिए यदि इस फ़िल्म में रुचि पैदा हो जाए तो आप आख़िर तक देखे बिना नहीं उठ पाएँगे। 'रिंग'शब्द का क्या औचित्य है, यह भी हमें फ़िल्म के अंत में मालूम होता है। फ़िल्म का पार्श्व संगीत कही-कहीं बहुत मधुर बन पड़ा है, और कानों को सुकून देता है। दूसरी अमरीकन फ़िल्मों की तरह इसमें नक़ाबपोश हत्यारे का इस्तेमाल कर हत्याएँ नहीं करवाई गई हैं। क़त्ल एक दुष्टात्मा करती है, और वह भी टीवी से बाहर निकलकर। वर्ष 2005 में फ़िल्म का दूसरा भाग 'द रिंग-2'भी रिलीज़ हुआ था, और फिर दूसरे भाग और पहले भाग को जोड़ने वाली एक मध्य कड़ी 'द रिंग्स'भी बनी थी।

Sunday, November 2, 2008

The Hills Have Eyes - 2006




द हिल्स हैव आइज़

रिलीज़ वर्ष - 2006
निर्देशक - अलेक्ज़ेन्डर आजा
निर्माता - वेस क्रेवन, पीटर लोक, मैरीएन मैडालीना, कोडी ज़्वीग
कलाकार - एरोन स्टैनफ़ोर्ड, एमिली डी रैविन, टेड लिवाइन, डैन बिर्ड, विनेसा शॉ, कैथलीन क्विनलान, मैसी कैमिलेरी प्रेज़िओसी, ग्रेगरी निकोटेरो, इवाना टर्चेटो, लॉरा ऑर्टिज़, माइकल बैली स्मिथ, एज़्रा बज़िंगटन, डेस्मंड एस्क्यू, टॉम बॉवर, रॉबर्ट जॉय, बिली ड्रैगो


द हिल्स हैव आइज़ वर्ष 2006 में बनी एक डरावनी फ़िल्म है जो असल में इसी नाम की वर्ष 1977 में बनी वेस क्रेवन की फ़िल्म का रीमेक है। फ़िल्म बड़ी रोचक है तथा एक वर्ग विशेष के बीच वर्षों से लोकप्रिय रही है। सन् 1977 से लेकर अब तक इस फ़िल्म के दो भाग और एक रीमेक, तथा रीमेक का दूसरा भाग आ चुका है। अब सुनते हैं कि इस फ़िल्म का एक पूर्वभाग (प्रीक्वेल) भी कॉमिक्स के ज़रिए छप रहा है जिसका नाम है 'द हिल्स हैव आइज़ - द बिगिनिंग'। इसे जिमी पामिओती और जस्टिन ग्रे ने लिखा है और चित्रांकन जॉन हिगिंस ने किया है। यह फ़िल्म अपने आप में मील का एक पत्थर है जिसने डरावनी फ़िल्मों के दीवानों के मानस-पटल पर सन् 1977 में एक विशिष्ट छाप छोड़ी थी। शायद इसी की प्रेरणा से निर्देशक अलेक्ज़ेन्डर आजा ने फ़िल्म का रीमेक बनाने का निश्चय किया और इसे देखने पर ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि हम एक रीमेक देख रहे हैं। हर पात्र विशिष्ट है और कहानी को भी एकदम असली फ़िल्म की तरह नहीं बनाया गया है। मूल फ़िल्म से कुछ अंतर होने के कारण यह फ़िल्म अपने आप में एक परिपूर्ण फ़िल्म है। इसमें समय-समय पर ऐसे भयानक दृश्य उपस्थित होते हैं कि दर्शकों के मुँह से चीख़ निकल जाती है। ग़ौर करें कि दो प्रकार के इंसान होते हैं। एक ऐसे होते हैं जो हवाख़ोरी करने के लिए बाग़ में जाते हैं और बाग़ में फैली हरियाली, पक्षियों के शोर, और ठंडी हवा के संपर्क में आते ही कह उठते हैं "वाह क्या नज़ारा है" और दूसरे किस्म के इंसान ऐसे होते हैं जो बाग़ में आते तो हैं, और वहाँ पड़े किसी भारी पत्थर को सरकाते हैं, और पत्थर के नीचे दबी कीड़ों, केंचुओं की दुनियाँ और काई देखकर कहते हैं "वाह क्या नज़ारा है, मैं तुमको ही तो खोज रहा था!"। यदि आप दूसरे प्रकार के अंतर्गत आते हैं तो यह फ़िल्म निःसंदेह आपको पसंद आएगी। इसके विपरीत उन पहले प्रकार के इंसानों के लिए यह फ़िल्म नहीं बनी है जो बस सुंदर चीज़ों में ही सुंदरता खोजते फिरते हैं। इस फ़िल्म में वैसे तो अमरीका के न्यू मेक्सिको रेगिस्तान का ज़िक्र किया गया है लेकिन इस फ़िल्म की शूटिंग मोरक्को के रेगिस्तान में की गई थी। यदि इंसान को एकदम वीराने में छोड़ दिया जाए तो उसके लिए दिन और रात में कोई ख़ास अंतर नहीं रह जाता। अकेलापन तो अकेलापन होता है और वह किसी के मिटाए नहीं मिटता। ऐसे में यदि किसी इंसान को पता चले कि वह एक नितांत निर्जन स्थान में फँस गया है जहाँ से बचने की कोई उम्मीद नहीं है और इसी बीच यदि उसका सामना नरभक्षियों से हो जाए तो फिर क्या कहने। ज़रा सोचिए ऐसे इंसान के बारे में जो घर से कुछ अलग देखने की उम्मीद में चला हो लेकिन किसी वीराने में आकर फँस गया हो और उसे कुछ अलग टाइप के लोगों ने देख लिया हो। निश्चय ही ऐसी स्थिति भयंकर होगी। बस इसी भयंकर स्थिति को इस फ़िल्म में दर्शाया गया है। उन लोगों का क्या हुआ जो इस वीराने में दुर्भाग्य से आ गए थे और जिनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। आइए पढ़ें।

कथा संक्षेप

फ़िल्म के आरंभ में बताया जाता है कि 50 के दशक से लेकर 60 के दशक तक न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में अमरीका सरकार ने कई परमाणु परीक्षण किए थे। ऐसे करीब 60 से अधिक परीक्षण किए गए थे। फिर कुछ वैज्ञानिकों को एक रेगिस्तान में खोज करते हुए दिखाया जाता है। उन्होंने एन.बी.सी. (न्यूक्लियर बायोलॉजिकल एंड केमिकल) सूट पहन रखे हैं ताकि रेडियोधर्मिता का प्रभाव उन पर न पड़े। वे वहाँ पानी में मौजूद मछलियों का परीक्षण कर रहे हैं और साथ ही पानी में रेडियोधर्मी तत्वों की मात्रा जाँच रहे हैं। इतने में ख़ून से सराबोर एक अन्य वैज्ञानिक उनमें से एक पर आ गिरता है और उससे जान बचाने की मिन्नतें करने लगता है लेकिन तभी एक विशालकाय आदमी वहाँ कुदाल (pickaxe) के साथ पहुँच जाता है और उन सभी पर हमला कर देता है। एक-एक करके वह सारे वैज्ञानिकों को बड़ी निर्ममता से मौत के घाट उतार देता है। किसी के सिर में कुदाल घुसा दी जाती है तो किसी को कुदाल से खोद दिया जाता है और फिर कुदाल से ही उठाकर पत्थर पर पटक दिया जाता है। हत्याएँ इतनी निर्ममता से होती हैं कि देखने वाले का दिल दहल जाता है। फिर वह अज्ञात आदमी उन सभी लाशों को ज़ंजीर से एक छोटी पिक-अप ट्रक के पीछे बाँधकर खींचकर कहीं ले जाता है। इसके बाद कास्टिंग शुरु होती है और पार्श्व में नाभिकीय परीक्षणों की कई तस्वीरें तथा वीडियो फ़ुटेज दिखाए जाते हैं। अंग-भंग बच्चों का जन्म दिखाया जाता है और 60 के दशक का कंट्री संगीत ‘मोर एंड मोर आई एम फ़ार्गेटिंग द पास्ट, मोर एंड मोर आई एम लिविंग एट लास्ट, डे बाई डे आई एम लूज़िंग माई ब्लूज़, मोर एंड मोर आई एम फ़ार्गेटिंग अबाउट यू, बट ओ आई ट्राइड टू कीप यू बाई माई साइट एंड ओ आई क्राइड द डे वी सेच गुडबाई...डे बाई डे...’। यह गाना प्रख्यात कंट्री गायक वेब पियर्स के द्वारा गाया गया है और अपने समय का मशहूर गीत है।


इस बीच न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में पसरे सन्नाटे के बीच में एक पेट्रोल पंप स्थित है। उसका मालिक एक गंदा और मैला-कुचैला सा दिखने वाला बूढ़ा है। इस बूढ़े का नाम जेब ज्यूनियर (टॉम बॉवर) है। शायद बाहर कोई है, जिसकी उपस्थिति जेब को विचलित कर रही है। जेब उस अज्ञात व्यक्ति की तलाश करते-करते खदान में ले जाने वाली एक सुरंग के मुहाने पर पहुँचता है। वह किसी रूबी का नाम लेकर कहता है “रूबी, ये तु्म्हीं हो ना, अगर तुम रूबी हो तो मैं तुम्हें देख लूँगा” और फिर वह वापस आ जाता है। अंदर आकर उसे एक बैग दिखाई पड़ता है। वह उस बैग को उठाकर उसके अंदर भरे सामान की जाँच करने लगता है। एक टिफ़िन का डिब्बा भी है जिसके अंदर इंसानी कान काटकर रखा हुआ है। जेब के मुँह पर भय मिश्रित घृणा उभर आती है और वह सामान को एक तरफ़ रखकर कुछ सोचने लगता है। कुछ देर के बाद उसे बाहर किसी गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ सुनाई देती है। वह बाहर निकलकर देखता है तो पाता है कि एक पूरा परिवार किसी यात्रा पर निकला हुआ है। उनकी पास एक बड़ी जीप है, जिसके पीछे ‘एयरस्ट्रीम’ कंपनी का ट्रैलर जुड़ा हुआ है। यह कार्टर परिवार है जो छुट्टी पर है और छुट्टियाँ बिताने की ग़रज़ से सैन डिएगो जा रहा है। परिवार का मुखिया बॉब कार्टर (टेड लिवाइन) है। उसके साथ उसकी पत्नी ईथल कार्टर (कैथलीन क्विनलान), उसकी बड़ी बेटी लिन (विनेसा शॉ), लिन का पति डग (एरोन स्टैन्फ़ोर्ड), उनकी दुधमुँही बच्ची कैथरीन (मैसी कैमिलेरी प्रेज़िओसी), छोटी बेटी ब्रेण्डा (एमिली डी रैविन), और बेटा बॉबी (डेन बिर्ड) हैं। वे सभी पेट्रोल भरवाने की नीयत से जेब के पंप पर आए हैं। बातों-बातों में जेब उस परिवार की मंशा पूछता है तो ईथल उसे बताती है कि वे सभी सैन डिएगो जा रहे हैं। बॉब जेब को बताता है कि वह इंटेलिजेंस एजेंसी का रिटायर्ड अधिकारी है और जल्द ही अपना ख़ुद का सुरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र खोलने जा रहा है। डग सीधा-साधा आदमी है। वह मोबाइल बेचने का धंधा करता है। बॉब और डग के बीच नहीं बनती। इसका कारण यह है कि बॉब को लगता है डग डरपोक है क्योंकि उसे हिंसा, ख़ून-ख़राबा और हथियारों से कोई लगाव नहीं है। वह तो बस सीधी-सादी ज़िंदगी बिताना चाहता है। ख़ैर इस अलगाव को लिन काफ़ी हद तक कम कर देती है। वह अपने पिता बॉब और पति डग के बीच संतुलन बनाए रखती है। इस बीच बॉबी टॉयलेट जाता है तो उसे लगता है कि कोई उसे छिपकर देख रहा है। वह टॉयलेट से निकलकर ब्रेण्डा से कहता है कि यह सबकुछ उसी की शरारत है, लेकिन ब्रेण्डा नहीं जानती कि बॉबी क्या कह रहा है। जेब बॉब से कहता है कि यदि वे थोड़े आगे जाकर एक शॉर्टकट से होकर आगे बढ़ें तो उनके कई किलोमीटर बच सकते हैं। जेब बॉब को उस स्थान का पता बताता है जहाँ से शॉर्टकट आरंभ होता है। बॉब जेब को धन्यवाद देता हुआ अपने परिवार सहित आगे बढ़ जाता है।

ब्रेण्डा इस सफ़र से ख़ुश नहीं है। वह अपने दोस्तों के साथ अपनी छुट्टियाँ बिताना चाहती थी लेकिन कार्टर दंपत्ति की शादी की 25वीं वर्षगाँठ है और वे इस ख़ुशी के मौक़े को अपने पूरे परिवार के साथ बिताना चाहते थे इसलिए ये सभी एक साथ सैन डिएगो की यात्रा पर निकले थे। वे सभी उस जगह पर पहुँच जाते हैं जहाँ से जेब ने उन्हें शॉर्टकट पकड़ने के लिए कहा था। उस रास्ते पर कुछ दूर आगे जाने पर दर्शकों को रास्ते पर कीलों की एक चेन दिखाई पड़ती है जिसकी कीलें बेहद नुकीली हैं। ठीक उसी समय बॉब की गाड़ी के टायर कीलों के संपर्क में आते ही फूट जाते हैं, और संतुलन बिगड़ने की वजह से उनकी गाड़ी एक बड़े पत्थर से टकरा जाती है। इस बीच वह कीलों वाली चेन किन्हीं अज्ञात हाथों द्वारा खींच ली जाती हैं। कार्टर परिवार गाड़ी की हालत देखकर विचलित हो जाता है। गाड़ी पूरी तरह बरबाद हो चुकी है। उसके पहियों की धुरी टूट गई है और इंजन क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसी विषम स्थिति में क्या किया जाए? दूर-दूर तक निर्जनता की चादर पसरी पड़ी है। भयानक गर्मी, पेड़ पौधों का नामोनिशान नहीं, सहायता की कोई संभावना नहीं और ऐसा लगता है जैसे इस रास्ते ने वर्षों से किसी इंसान की सूरत नहीं देखी है। सभी इस समस्या से जूझ रहे हैं। डग अपना मोबाइल फ़ोन निकालकर सिग्नल की जाँच करता है लेकिन उसे कोई सिग्नल नहीं मिलता। हताश होकर वे सभी बैठ जाते हैं। इस बीच लिन ट्रेलर के अंदर कुछ सामान निकालने जाती है तो ट्रैलर की खिड़की से उसे क्षण भर के लिए दूर पहाड़ियों में कोई चीज़ चमकती नज़र आती है मानो कोई आईना चमका रहा हो। लिन के मन में एक क्षण के लिए आशंका तो अवश्य उत्पन्न होती है लेकिन वह जल्द ही इसे अपने दिमाग़ से निकाल देती है।

खूब सोच-विचार के बाद अंत में निर्णय लिया जाता है कि बॉब वापस उसी पेट्रोल पंप की ओर जाएगा और सहायता लेकर आएगा और दूसरी ओर डग बिलकुल विपरीत रास्ते पर जाएगा और सहायता की तलाश करेगा। बॉब और डग अपनी सुरक्षा के लिए रिवॉल्वर रख लेते हैं। डग पहले तो रिवॉल्वर रखने से मना करता है लेकिन लिन के अनुरोध पर उसे रिवॉल्वर रखनी पड़ती है। जाते समय बॉब एक रिवॉल्वर अपने बेटे बॉबी के पास छोड़ देता है और उसे परिवार की सुरक्षा करने को कहता है। जाने से पहले वे सभी एक साथ मिलकर ईश्वर से अपनी सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। इस बीच उन्हें दूर पहाड़ियों से कोई दूरबीन से देख रहा है। प्रार्थना के बाद बॉब पेट्रोल पंप की ओर और डग सहायता की तलाश में ठीक एक-दूसरे की विपरीत दिशा में चल पड़ते हैं। इधर ब्रेण्डा, बॉबी, लिन, उसकी बेटी कैथरीन, और ईथल, ट्रैलर के पास बैठकर स्थितियों के ठीक होने का इंतज़ार करने लगते हैं। कार्टर परिवार के पास जर्मन शेफ़र्ड कुत्तों का एक जोड़ा है जिनके नाम ब्यूटी और बीस्ट हैं। ब्यूटी मादा है और बीस्ट नर। इन दोनों को बॉबी ने बड़ी मुश्किल से ट्रेलर में बंद किया था लेकिन ब्रेण्डा लापरवाही से ट्रेलर का दरवाज़ा खोल देती है। दरवाज़ा खुलते ही ब्यूटी बाहर निकल कर रेगिस्तान में इधर-उधर भागने लगती है। सामने पत्थरों की पहाड़ियाँ है जहाँ ब्यूटी जाकर गुम हो जाती है। ब्यूटी का पीछा करते-करते बॉबी भी उन पत्थरों की पहाड़ियों पर जाता है। थोड़ा आगे जाने पर उसे ख़ून की कुछ लकीरें दिखाई देती हैं। किसी अज्ञात भय से बॉबी का मन भर उठता है, लेकिन उसके हाथों में रिवॉल्वर है तो डर कैसा? बॉबी हिम्मत करके ख़ून की लकीरों का पीछा करने लगता है और अंत में जहाँ पर ख़ून की लकीरें ख़त्म होती हैं वहाँ उसे ब्यूटी की लाश दिखाई पड़ती है। ब्यूटी मर चुकी है और उसका एक पिछला पैर उखाड़ा जा चुका है। बॉबी की आँखों में आँसू आ जाते हैं और वह ब्यूटी का और करीब से मुआयना करने जाता है तो पाता है कि किसी ने ब्यूटी का गला और उसका पेट चीर कर रख दिया है, मानो किसी धारदार हथियार के एक ही वार से किसी ने उसकी ये दुर्गति कर दी गई हो। बॉबी को तुरंत एहसास हो जाता है कि इस वीराने में कोई और है, और वह जो कोई भी है, बेहद ख़तरनाक और क्रूर है। डर के मारे बॉबी वहाँ से भाग निकलना चाहता है लेकिन उसके अव्यवस्थित कदम किसी पत्थर पर पड़ते ही डगमगा जाते हैं और वह एक ऊँची चट्टान से नीचे गिरकर अपने होश खो बैठता है। दर्शक देखते हैं कि इसके बाद एक लाल कपड़े पहनी हुई युवती बॉबी के क़रीब आती है और उसका सर सहलाने लगती है।

इस बीच डग चलते-चलते अपने रास्ते के अंत में पहुँच जाता है। वहाँ उसे कुछ नहीं मिलता। वहाँ परमाणु परीक्षणों से बने विशाल गड्ढों के अलावा कुछ भी नहीं है। वहाँ बहुत-सी बेकार कारें पड़ी हुई हैं जिनपर धूल की एक मोटी परत जम गई है। देखकर नहीं लगता कि वे कारें चल पाएँगी। पता नहीं वे सब किन अभागों की कारें हैं। डग को वहाँ एक कार में एक टेडी बेयर और एक मछली पकड़ने की बंसी और फ़िशिंग रोप दिखाई देते हैं। वह उन दो सामानों को अपने साथ लेकर वापस चल पड़ता है।

बॉबी के पास बैठी युवती का नाम रूबी (लॉरा ऑर्टिज़) है। रूबी ज़ालिम नहीं है, उसके मन में असहायों के प्रति संवेदना है शायद यही कारण है कि वह अपनी ओर से बेहोश बॉबी की तीमारदारी में लगी थी। तभी कुछ ख़ून की बूँदें नीचे गिरती हैं, रूबी ऊपर देखती है तो पाती है कि उसका भाई गॉगल (एज़्रा बज़िंगटन) चट्टान के ऊपर बैठा ब्यूटी की उखाड़ी हुई टांग चबा रहा है। क्षण भर को रूबी की मुखमुद्रा मलिन हो जाती है और वह बड़ी हेय दृष्टि से अपने भाई को देखती है। जवाब में गॉगल अपनी भद्दी-सी हँसी सुनाता है और फिर ब्यूटी की टांग चबाने में व्यस्त हो जाता है। गॉगल ने अपने गले में एक दूरबीन लटका रखी है जिससे पता चलता है कि यही वह आदमी है जो रेगिस्तान में भटके लोगों को दूर से देखता है। रूबी तब तक बॉबी के पास बैठी रहती है जब तक उसे होश नहीं आ जाता। उसके होश में आते ही रूबी वहाँ से दबे पाँव निकल जाती है।


इस बीच बॉब पेट्रोल पंप तक पहुँचने में सफल हो जाता है। उसका इरादा वहाँ जाकर जेब से मिलकर पता लगाना है कि उसने उन्हें सही रास्ता बताया था या फिर झूठ बोला था। साथ ही वह चाहता है कि यदि उसे वहाँ कोई कार या गाड़ी मिल जाती है तो वह उसके ज़रिए अपने परिवार को उस वीराने से निकाल सकता है। जब उसे पेट्रोल पंप पर कोई नहीं मिलता तो वह जेब की इधर-उधर तलाश करने लगता है। अंदर जाकर देखने पर उसे वह टिफ़िन का डब्बा दिखाई देता है। उसे खोलने पर बॉब को एक कटा हुआ इंसानी कान दिखाई देता है। फिर उसकी नज़र दीवारों पर काटकर चिपकाए गए अख़बार के समाचारों पर पड़ती है। उन समाचारों में न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में सरकार द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण के समाचार, रेगिस्तान में पहुँचकर ग़ायब होने वाले लोगों के समाचार, और परमाणु परीक्षणों के दुष्परिणाम की वजह से न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में पैदा हो रहे अपंग बच्चों के बारे में समाचार थे। बॉब इन समाचारों तथा मूल्यवान सामग्री से भरे बैगों को देखते ही समझ जाता है कि उनका वीराने में फँसना महज़ इत्तफ़ाक़ नहीं था बल्कि वे सभी एक सोची-समझी साजिश का शिकार हुए हैं। जेब उन्हीं लोगों से मिला हुआ था जिनके कारण रेगिस्तान में इतने लोग ग़ायब हुए। बॉब तुरंत ही रिवॉल्वर निकालता है और आशंकित मन से जेब की तलाश करने लगता है। उसे जेब अंदर तो कहीं नज़र नहीं आता लेकिन बाहर एक टॉयलेट से उसके रोने की आवाज़ आती है। बॉब टॉयलेट का दरवाज़ा खोलकर देखता है तो पाता है जेब फ़र्श पर बैठा बड़बड़ा रहा है "मैं अब यह और नहीं कर सकता, मेरे बच्चों मुझे माफ़ करो, ये कैसी अजीब जगह है"। बॉब को जेब के एक हाथ में शॉटगन नज़र आती है और दूसरी हाथ में शराब की बोतल। साफ़ है कि जेब नशे में धुत्त होकर वहाँ पड़ा है। बॉब उसे बंदूक नीचे फ़ेंकने को कहता है लेकिन जेब उसकी बात को अनसुना करते हुए बंदूक की नली अपनी ठोड़ी के नीचे रखकर ट्रिगर दबा देता है। ट्रिगर के दबते ही जेब का पूरा चेहरा उड़ जाता है और उसके स्थान पर ख़ून और माँस का लोथड़ा दिखाई देने लगता है। बॉब को इसकी क़तई उम्मीद नहीं थी। तभी बॉब को “डैडी ओ डैडी ये तुमने क्या किया” ऐसा स्वर सुनाई देता है। घबराहट में वह इधर-उधर गोलियाँ दाग़ने लगता है। गोली ख़त्म होने पर वह वहाँ मौजूद जेब की कार में बैठ जाता है और उसे चलाने के नीयत से चाबी घुमाता है। लेकिन यह क्या! आवाज़ तो उसकी पिछली सीट से आती रहती है! रियर-व्यू मिरर में उसे उस आदमी का भयानक चेहरा दिखाई देता है जो अभी अपने ‘डैडी’ को याद करके रो रहा था। इससे पहले कि बॉब कुछ समझ पाता, पीछे बैठा दाढ़ी वाला आदमी पापा ज्यूपिटर (बिली ड्रैगो) उसका सर पकड़कर कार के शीशे में तब तक पटकता है जब तक वह बेहोश नहीं हो जाता। कार की खिड़की के शीशे पर बॉब का ख़ून फैल जाता है और फिर ज्यूपिटर बॉब को खदान के भीतर जाने वाली सुरंग के भीतर, अपने कुछ सहयोगियों की सहायता से, खदान में चलने वाली ट्राली पर लादकर, अंधेरे में ले जाता है। बेहोश होते समय बॉब को ज़रा भी एहसास नहीं होता कि उसे कहाँ ले जाया जा रहा है।

इधर डग वापस आकर परिवार के लोगों को बताता है कि उसे कहीं कुछ नहीं मिला। वह अपने साथ लाए सामान लिन को दे देता है। फिर वे सभी मिलकर बॉब का इंतज़ार करने लगते हैं। बॉबी के सिर पर गिरने के कारण थोड़ी चोट आई है। उसकी मरहम-पट्टी की जा चुकी है लेकिन बॉबी बहुत डरा हुआ है। उसका परिवार उसे बताता है कि बीस्ट का भी कुछ पता नहीं है, वह कभी का इस ट्रेलर से ग़ायब है। बॉबी ब्यूटी के साथ हुए हादसे के बारे में किसी से चर्चा नहीं करता क्योंकि वह जानता है कि ऐसी स्थिति में इस तरह का समाचार उसके परिवार के सदस्यों को बहुत ज़्यादा डरा सकता है। उसे बॉब के अब तक न लौट आने की चिंता सता रही है। खाने-पीने के बाद पूरा परिवार रात के सन्नाटे में, बीच रेगिस्तान में, ऊपर वाले की मेहरबानी की छत्रछाया में आराम करना चाहता है। ईथल सो चुकी है और डग तथा लिन बाहर कार में जाकर सोने का मन बनाते हैं लेकिन बॉबी का मन उनकी सुरक्षा को लेकर सशंकित हो जाता है। वह उनसे अनुरोध करता है कि वे कार में न सोएँ बल्कि अंदर आकर सब की तरह ट्रेलर के अंदर ही सोएँ। लिन और डग को लगता है कि बॉबी अब तक पिता बॉब के न आने के कारण चिंतित है। वे उसे विश्वास दिलाते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है। डग उसे समझाता है कि यदि उसके पिता बॉब आधी रात तक वापस न लौटे तो वे उन्हें ढूँढ़ने निकल पड़ेंगे। बॉबी का मन नहीं मानता और वह पहरेदारी करने लगता है और आधी रात होने का इंतज़ार करने लगता है। उसे पहले किसी कुत्ते की धीमी-सी आवाज़ सुनाई देती है और फिर किसी के हँसने की आवाज़ आती है। बॉबी कुछ दूर इधर-उधर भी जाता है लेकिन अंधेरे में उसे दूरृ-दूर तक फैली बंजर ज़मीन और पहाड़ियों के अलावा कुछ नहीं दिखता। जब उसका मन नहीं मानता तो वह डग और लिन के पास जाकर उनसे कहता है कि उसे यह जगह ठीक नहीं लगती। बॉबी अपने आपको नहीं रोक पाता और उनसे कहता है कि वे इस रेगिस्तान में अकेले नहीं हैं। उनके अलावा यहाँ और कोई भी है जिसकी नज़र उनके परिवार पर पड़ चुकी है। वह उन्हें ब्यूटी के साथ हुए हादसे के बारे में भी बताता है। इस बीच सूट-जैकेट पहने एक अति विकृत चेहरे वाला भारी-भरकम गंजा आदमी प्लूटो (माइकल बैले स्मिथ) ट्रेलर के अंदर चुपचाप घुस जाता है और सीधा ब्रेण्डा के कमरे की ओर बढ़ जाता है। थोड़ी ही देर में उस गंजे आदमी का शक्तिशाली पंजा ब्रेण्डा के मुँह पर पत्थर की तरह जम जाता है। ब्रेण्डा उस घुसपैठिए को देखते ही भय से भर उठती है। वह आदमी बड़ा ही विकृत है। उसका सिर गंजा है, एक आँख बिलकुल अंदर धँसी हुई है, दाँत ऊबड़-खाबड़ हैं और वह साँड की तरह ताक़तवर है। वह ब्रेण्डा के अकेलेपन का भरपूर फ़ायदा उठाने की कोशिश करता है और पशुओं की तरह उसे नोचने-खसोटने लगता है। बाहर बात कर रहे बॉबी, डग और लिन का ध्यान बँटाने के लिए वह अपने वॉकी-टॉकी से किसी को संदेश भेजता है ‘अब करो’।

बॉबी की बात का विश्वास आते ही डग उसकी सहायता करने को कार से उतर पड़ता है। ठीक उसी समय कुछ दूरी पर एक तेज़ धमाका होता है और वे देखते हैं कि कोई आदमी बंधा हुआ है और धू-धू करके जल रहा है। धमाके से अंदर सोई ईथल भी जाग जाती है। लिन भी उनके साथ हो लेती है। बॉबी और डग पास जाकर देखते हैं तो पाते हैं कि वह जलता हुआ आदमी और कोई नहीं बल्कि बॉब है। बॉब पीड़ा के कारण ज़ोर से चीख़ रहा व छटपटा रहा है। आग इतनी तेज़ी से फैल रही है कि बॉब के हाथ-पाँव जलते जा रहे हैं। भीषण गर्मी से बॉब की आँखें फूट जाती हैं। डग बहुत तेज़ी से ट्रैलर की दीवार पर लगा अग्निशामक लेकर आता है और ब्रेण्डा को कैथरीन का ध्यान रखने को कह बाहर से ही लौट जाता है उसे नहीं पता कि ब्रेण्डा पर अंदर क्या बीत रही है। लेकिन बहुत देर हो चुकी है। बॉब मर चुका है। ईथल भारी सदमे में है। उसे क़तई ये अंदाज़ा नहीं था कि वह बॉब से इस तरह मिलेगी। किसी को समझ नहीं आता कि ऐसी भयानक मौत आख़िर कोई बॉब को क्यों देगा, वह भी इस वीराने में जहाँ कार्टर लोग किसी को नहीं जानते। ईथल बार-बार कह रही है कि बॉब ठीक है, क्योंकि वह सदमे के कारण अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। इसी बीच एक और भद्दी-सी दिखने वाली आकृति ट्रेलर के अंदर आती है। वह आकृति एक आदमी की है जिसने हैट लगा रखा है। उसका नाम लिज़ार्ड (रॉबर्ट जॉय) है। उसका चेहरा बेहद कुरूप है। उसका एक होंठ फटा हुआ और आँखों के नीचे चिपका हुआ है। उसके पीले-पीले गंदे दाँत, झुर्रीदार चेहरा, और हैवानों जैसी आँखें उसका रूप बेहद भयानक बनाते हैं। वह ट्रैलर के अंदर दाख़िल होकर खाने की तलाश करने लगता है। वह फ़्रिज से जूस निकाल कर पीता है और फिर घूमते-घूमते पालतू चिड़िया के पिंजरे तक आता है। वह पिंजरा खोलता है और चिड़िया का सिर अपने दाँतों से काटकर अलग कर देता है और फिर मरी हुई चिड़िया के धड़ को अपने मुँह में निचोड़कर सारा ख़ून गटागट पी जाता है। वह प्लूटो की ओर मुड़ता है और उसे ब्रेण्डा के ऊपर से उठाकर नीचे पटक देता है और उससे कहता है ‘यह सब करने के लिए तुम बहुत छोटे हो!’ फिर वह ख़ुद ब्रेण्डा पर भूखे भेड़िये की तरह झपट पड़ता है। प्लूटो को ग़ुस्सा आ जाता है और वह अपना ग़ुस्सा ट्रेलर में रखे सामानों पर निकालने लगता है। फिर प्लूटो लिन की बच्ची कैथरीन के पालने के पास आकर उसे पुचकारने लगता है।

इधर डग लाख कोशिशों के बाद आग पर क़ाबू तो पा लेता है लेकिन बॉब बहुत पहले ही मर चुका है। पूरा परिवार सकते में है। ईथल, बॉबी, और डग समझ नहीं पा रहे हैं कि वे क्या करें। इसी बीच लिन को ब्रेण्डा की घुटी-घुटी चीख़ें ट्रेलर के अंदर से आती हुई सुनाई देती हैं। वह तुरंत ट्रेलर की तरफ़ भागती है। ट्रैलर के अंदर पहुँच कर लिन देखती है कि वहाँ सब कुछ अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है। वह ब्रेण्डा को देखते ही समझ जाती है कि क्या हुआ। हिम्मत दिखाते हुए लिन इन जंगली वहशियों से अपनी बच्ची को बचाने का प्रयास करती है कि ईथल आ जाती है। ईथल अपनी बेटियों की सुरक्षा कर पाती इससे पहले ही लिज़ार्ड उसे गोली मार देता है, फिर लिन द्वारा प्रतिरोध करने पर उसका भी सिर गोली से उड़ा देता है। लिज़ार्ड और प्लूटो कैथरीन को लेकर भाग निकलते हैं। जाते समय लिज़ार्ड ब्रेण्डा से कह जाता है कि वह उसके लिए दोबारा बहुत जल्द लौटेगा। बॉबी और डग जब तक ट्रेलर तक आते तब तक कुछ देर हो चुकी थी। बॉबी अंधेरे में भागती हुई लिज़ार्ड और प्लूटो की आकृतियों पर गोली चलाता है लेकिन उसकी गोलियाँ ख़त्म हो जाती हैं। ब्रेण्डा पागलों की तरह चीख़ रही है। वह इतनी डर चुकी है कि उसे दौरे-से पड़ रहे हैं। डग जब लिन के पास पहुँचता है तो लिन अपनी आख़िरी साँसें गिन रही होती है। कुछ देर में वह मर जाती है। डग को कैथरीन नहीं दिखाई देती तो वह समझ जाता है कि वे दरिंदे उसे उठा ले गए हैं। ईथल की मौत निकट है। मरने से पहले उसे लग रहा है कि जो कुछ भी हुआ वह सब एक सपना था। उसे ठंड लगती है। उसे मृत्यु के पास आने की वजह से भ्रम हो रहा है। वह डग की तारीफ़ करती है कि वह बहुत अच्छा है और उसका बहुत ख़याल रखता है। फिर वह पूछती है कि क्या सब सो गए। इसी तरह के सवाल करते-करते कुछ देर में ईथल भी मर जाती है। उधर दूर मैदान में, जहाँ बॉब को ज़िंदा जला दिया गया था वहाँ उसकी लाश पड़ी हुई थी, लेकिन कोई अज्ञात व्यक्ति उसे खिसकाकर ले जाता है।

उधर दूर गॉगल अपनी दूरबीन से उन सब की निगरानी करता रहता है कि इसी बीच उसे अपने आसपास गुर्राहट सुनाई देती है। अंधेरे में वह कुछ देख पाता इससे पहले ही बीस्ट का ताक़तवर जबड़ा उसके हाथों में आकर जम जाता है। बीस्ट उसे चीरफाड़ डालता है। वह तब तक ऐसा करता है जब तक गॉगल की भुजा उसके शरीर से अलग नहीं हो जाती। फिर बीस्ट उसकी भुजा को मुँह में दबाए एक ओर चल पड़ता है। गॉगल की भुजा में एक रेडियो वॉकी-टॉकी अब भी झूल रहा है। बॉबी ग़ुस्से से पागल हो रहा है। वह अपने परिवार पर हुए अत्याचार का बदला लेने की नीयत से ट्रेलर से बाहर निकलने लगता है। डग उसे कहता है कि वह टिक नहीं पाएगा और उसे लड़ाई करने से पहले एक योजना अपनानी होगी। बॉबी चिढ़ जाता है और कहता है कि डग डरपोक है और उसके पिता ठीक ही कहा करते थे। डग को ग़ुस्सा आ जाता है। उसी समय उन्हें ट्रेलर के दरवाज़े पर किसी की आवाज़ सुनाई देती है। बॉबी उस दिशा में तीन-चार गोलियाँ दाग़ देता है। गोलियाँ ट्रेलर का दरवाज़ा बेधती हुई बाहर निकल जाती हैं लेकिन आवाज़ फिर भी बंद नहीं होती। फिर वे दोनों हिम्मत करके बाहर निकलते हैं तो उन्हें ट्रेलर के दरवाज़े के ठीक सामने एक कटा हुआ इंसानी बाज़ू दिखाई देता है। आवाज़ उसी बाज़ू में लिपटे रेडियो वॉकी-टॉकी से आती रहती है। बीस्ट वापस आ गया है। उसे देख बॉबी और डग ख़ुश होते हैं और उसे पुचकारते हैं। डग वॉकी-टॉकी पर पूछता है कि वह जो कोई भी है, क्यों उनके पीछे पड़ा है, उनका उद्देश्य क्या है और वह उनसे अपनी बच्ची वापस माँगता है। उधर से कोई जवाब न आने पर बॉबी डग से पूछता है कि उन्हें क्या करना चाहिए।

अगली सुबह डग बीस्ट को लेकर उन हैवानों की खोज में निकल पड़ता है। बीस्ट ने गॉगल की महक सूँघ ली थी और अब वह उसी महके के सहारे डग को शैतानों के अड्डे पर ले जा रहा है। हथियार के नाम पर डग के पास केवल एक बेसबॉल बैट है। बीस्ट उसे एक सुरंग के पास लेकर आता है। और फिर वे उस सुरंग के ज़रिए आगे बढ़ने लगते हैं। शायद वह सुरंग उन्हें उनकी मंज़िल तक ले जाएगी। एक और आकृति है रूबी की, जो डग के साथ-साथ चल रही है लेकिन उसकी नज़रों से बचते हुए। वह क्या चाहती है? डग उस अंधेरी सुरंग से बाहर आकर बाहर दूर-दूर तक फैले रेगिस्तान में बसा हुआ एक छोटा-सा गाँव देखता है। उसे वह गाँव निर्जन दिखाई देता है। तेज़ धूप, और धूलभरा गाँव, यहाँ-वहाँ पुरानी कारें और पुरानी मशीनें बिखरी हुई हैं। एक घर में उसे जनरेटर की आवाज़ सुनाई देती है। वह उस मकान की खिड़की के शीशे को ज़रा-सा साफ़ करके अंदर देखने का प्रयास करता है। अंदर उसे एक बिस्तर पर कैथरीन लेटी हुई दिखाई देती है। उस समय एक और अतिविकृत चेहरे वाला आदमी सिस्ट (ग्रेगरी निकोटेरो) वहाँ से गुज़रता है। बीस्ट के मुँह से हल्की सी आवाज़ निकलती है लेकिन डग उसका मुँह दबा देता है। सिस्ट पीछे मुड़कर देखता है लेकिन उसे कोई नज़र नहीं आता। सिस्ट एक लड़की की लाश घसीट कर ला रहा है। डग पास खड़ी एक कार की ओट में हो जाता है फिर बीस्ट को वहीं छोड़कर और उसे चुप रहने को कहकर मकान के अंदर चला जाता है। हाथों में बैट लिए वह एक-एक कमरे के अंदर ध्यान से देखने लगता है। एक कमरे में उसे एक गंजी और मोटी औरत (इवाना टर्चेटो) दिखाई देती है। वह टेलीविज़न देखते हुए एक विग सँवार रही है। डग कैथरीन के कमरे की तरफ़ चला जाता है और कैथरीन को अपनी गोद में उठाकर बाहर चलने को होता है कि तभी पीछे से वह गंजी औरत बिग मामा डग के सर पर वार करती है और डग बेहोश हो जाता है। होश में आने पर डग अपने आपको एक आइस-बॉक्स में बंद पाता है। वह आदमकद आइस-बाक्स है जिसमें बर्फ़ीले पानी के साथ-साथ कुछ और भी रखा हुआ है। अंधरे आइस-बॉक्स में डग अपनी माचिस किसी तरह जलाता है और रौशनी में उसे समझ आ जाता है कि वह किसके बीच पड़ा हुआ है। डग देखता है कि उसके इर्द-गिर्द केवल इंसानी अंग कटे-फटे पड़े हुए हैं। जिसे वह बर्फ़ीला पानी समझ रहा था, वह असल में उन कटे हुए अंगों से रिसा ख़ून था। डग दहशत से पागल हो जाता है और वहाँ से निकलने के लिए पूरा ज़ोर लगाता है। उसके अथक प्रयासों के बाद आइस-बॉक्स का ढक्कन उखड़कर ऊपर उछल जाता है और डग आज़ाद हो जाता है।

वह फिर एक बार मकान के अंदर दाख़िल होता है। इस बार वह ज़्यादा सतर्क है क्योंकि वह जान चुका है कि ये हत्यारे सिर्फ़ हत्या ही नहीं करते बल्कि वे तो नरभक्षी हैं और मानव-माँस उनके आहार का एक हिस्सा है। डग अंदर बढ़ने लगता है तो एक कमरे से उसे राष्ट्रीय गान के स्वर सुनाई देते हैं वह आवाज़ की दिशा में बढ़ जाता है। अंदर जाने पर डग देखता है कि बॉब की लाश कुर्सी पर बैठने की मुद्रा में रखी हुई है। उसके सिर पर अमरीका का एक झंडा, किसी नुकीले रॉड में चिपकाकर उसके सर में गाड़ दिया गया है। डग देखता है कि वहाँ बहुत सारे पुतले रखे हैं। एक बहुत-बड़े सिर वाला आदमी व्हील चेयर पर बैठा राष्ट्रीय गान गा रहा है। उसका सिर इतना बड़ा है कि वह कंधे पर टिक नहीं पाता और पीछे की ओर लुढ़का हुआ रहता है। उसका नाम बिग ब्रेन (डेस्मंड एस्क्यू) है। उसका चेहरा बेहद विकृत है और वह उन नरभक्षियों का कोई नेता लगता है। उसकी आवाज़ सुनते ही डग को वह आवाज़ याद आ जाती है जो उसने उस वॉकी-टॉकी पर सुनी थी जिसे बीस्ट गॉगल की भुजा समेत ले आया था। वह उससे पूछता है कि उसकी बेटी कैथरीन कहाँ है। जवाब में वह केवल हँसकर कहता है “यह सब तुम लोगों की मेहरबानी से हुआ है। सरकार ने यहाँ परमाणु परीक्षण कर-कर के हमारी यह हालत बना दी और इसकी सज़ा उन्हें भुगतनी होगी।” फिर वह ज़ोर-जोर से हँसने लगता है तो डग पूछता है “इसमें हँसने की क्या बात है” जवाब में बिग ब्रेन कहता है “नाश्ते का समय हो गया”। ठीक उसी समय शीशा तोड़कर प्लूटो अंदर दाख़िल होता है। अंदर आते ही वह अपनी कुल्हाड़ी से डग पर वार करने के लिए झपटता है। उसका हाथ इतनी तेज़ी से चलता है कि डग को समझ ही नहीं आता कि उसे भाग कर कहाँ जाना चाहिए। वह डग को कई बार उठाकर पटकता है। डग इतना डर जाता है कि पनाह माँगने लगता है। इस बीच बीस्ट आकर उसकी सहायता करने लगता है और प्लूटो की बाँह में अपने दाँत गड़ा देता है, लेकिन प्लूटो उसे घुमाकर दूर फेंक देता है। डग को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। कोई रास्ता न पाकर डग एक कमरे में घुस जाता है और उसका दरवाज़ा बंद कर देता है। वह दरवाज़े के सामने कई भारी-भरकम सामान भी रख देता है। कुछ देर तक तो शांति रहती है लेकिन प्लूटो दूसरी ओर की दीवार तोड़ता हुआ अंदर आ जाता है। इस लड़ाई में बचाव करते हुए डग का बैट टूट जाता है तो वह बैट की टूटी हुई मूठ प्लूटो के पेट में घोंप देता है। प्लूटो को कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता। वह बैठ के मूठ को खींचकर बाहर निकालता है और डग पर उसी से वार करता है। फिर वह डग पर अपनी कुल्हाड़ी से वार करता है। डग के बाँये हाथ की दो अंगुलियाँ कटकर अलग हो जाती हैं और वह मार खा-खाकर निढाल हो जाता है। वह प्लूटो के कदमों पर गिर जाता है और उससे दया की भीख माँगने लगता है। प्लूटो अपनी कुल्हाड़ी डग के सिर पर यूँ फिराता है जैसे कोई क़साई बकरे को काटने से पहले उसकी गर्दन पर छुरा फिराता है। प्लूटो बिग ब्रेन की ओर देखकर हँसने लगता है कि तभी डग पास पड़ा स्क्रू-डाइवर उठाता है और प्लूटो के पैर में घोंप देता है। प्लूटो दर्द से छटपटाने लगता है। मौक़ा मिलते ही डग बॉब की लाश के सिर में गड़ा झंडा निकालता है और बिना देर किए उसका नुकीला सिरा प्लूटो की गर्दन में घोंप देता है। रॉड का नुकीला सिरा पैवस्त होते ही प्लूटो की साँसें उखड़ने लगती हैं और वह चकरा कर नीचे गिर जाता है। डग को उसपर रहम नहीं आता और वह प्लूटो की कुल्हाड़ी उठाकर उसके सर पर वार करता है। कुल्हाड़ी का फल प्लूटो का सिर फाड़ता हुआ अंदर जा धँसता है और प्लूटो की तत्काल मौत हो जाती है। फिर वह अपना टूटा चश्मा उठाकर चलने लगता है। यह सब देखकर बिग-ब्रेन अपने वॉकी-टॉकी पर लिज़ार्ड से कहता है कि वह बच्ची को मार डाले। फिर वह जैसे ही अपनी बात ख़त्म करता है, उसे अपने पीछे बीस्ट खड़ा नज़र आता है। बीस्ट बिग-ब्रेन पर टूट पड़ता है और उसे चीरफाड़ कर मार डालता है।

सिस्ट को भनक लग जाती है कि मकान के अंदर कुछ गड़बड़ चल रही है। वह शॉटगन लेकर मकान के अंदर जाने को होता है लेकिन डग पहले ही घात लगाकर बैठा है। सिस्ट के पास आते ही डग उसपर कुल्हाड़ी से ताबड़तोब वार करता है और सिस्ट की खोपड़ी में कुल्हाड़ी का फल गाड़ देता है। वह कुल्हाड़ी के फल को ताक़त लगा-लगाकर और अंदर पैवस्त करता जाता है ताकि सिस्ट की मौत हो जाए, इसपर भी जब सिस्ट नहीं मरता तो डग कुल्हाड़ी के नुकील फल को सिस्ट की आँखों में गाड़ देता है और सिस्ट की मौत हो जाती है।

इस बीच ब्रेण्डा और बॉबी ने लिन और ईथल की लाश अपनी टूटी कार में पहुँचा दी है। उन्होंने डग के फ़िशिंग रोप से अपने चारों ओर एक सुरक्षा घेरा तैयार किया है। यदि इस रोप (महीन रस्सी) को कोई छू जाए तो उनका अलार्म बज उठेगा। ब्रेण्डा ने टायर जलाकर धुआँ फैला रखा है। उसका उद्देश्य उस धुएँ के माध्यम से संदेश भेजना है कि वे इस मरुस्थल में फँस चुके हैं और उन्हें सहायता चाहिए। कुछ देर में उनका अलार्म बज उठता है। ब्रेण्डा और बॉबी दौड़कर कार के पास जाते हैं तो पाते हैं कि ईथल की लाश ग़ायब हो चुकी है। बॉबी रिवॉल्वर लेकर इधर-उधर नज़र दौड़ाता है लेकिन ईथल नहीं दिखाई देती। थोड़ा और आगे जाने पर उसे एक भयानक दृश्य दिखाई देता है। वह देखता है कि पापा ज्यूपिटर (जो इन नरभक्षियों का नेता है) ईथल की लाश चट्टान पर रखकर बड़े मज़े से खा रहा है। वह ईथल का पेट फाड़कर उसका जिगर निकालकर खाता है। बॉबी को देखते ही उबकाई-सी आने लगती है। तभी ज्यूपिटर उसे देख लेता है और उसके पीछे पड़ जाता है। वह बॉबी की ओर एक कुदाल फेंककर मारता है। वह कुदाल बस बॉबी से कुछ ही दूर ट्रेलर की दीवार में धँस जाता है। बॉबी और ब्रेण्डा दौड़कर ट्रेलर के अंदर घुस जाते हैं और दरवाज़ा बंद कर देते हैं। ज्यूपिटर ब्रेण्डा का हाथ झपटकर पकड़ लेता है लेकिन बॉबी ट्रेलर की खिड़की से उसके हाथ बाँध देता है। वे ट्रेलर में रखे गैस सिलेंडरों का नॉब खोल देते हैं। गैस धीरे-धीरे पूरे ट्रेलर में भरने लगती है। बॉबी दरवाज़े के तले में एक माचिस की तीली और रगड़-पट्टी फँसा देता है। बॉबी और ब्रेण्डा आपात निकास खिड़की से ट्रेलर के बाहर आ जाते हैं। कुछ देर में ज्यूपिटर आज़ाद हो जाता है उसे अनुमान है कि बॉबी और ब्रेण्डा अभी-भी ट्रेलर के अंदर हैं क्योंकि उसने उन्हें पीछे के रास्ते ट्रेलर से बाहर निकलते नहीं देखा था। ज्यूपिटर ख़ुश होकर दरवाज़े को एक ओर सरकाता है लेकिन अब देर हो चुकी है। माचिस की तीली के रगड़ खाते ही एक चिंगारी पैदा होती है और पूरा ट्रेलर एक बम की तरह फट जाता है। ज्यूपिटर धमाके से दूर जा गिरता है। उसका शरीर जगह-जगह से जल जाता है लेकिन ब्रेण्डा को देखते ही वह हँसने लगता है। उसकी क्रूर हँसी सुनकर ब्रेण्डा के सर पर ख़ून सवार हो जाता है और वह ज्यूपिटर की कुदाल लेकर उस पर झपट पड़ती है और उसका सिर कुदाल से खोद देती है। ज्यूपिटर मर जाता है।

रूबी कैथरीन की देखभाल करती रहती है लेकिन लिज़ार्ड आकर उससे कहता है कि वह चली जाए। रूबी बाहर निकल जाती है तो लिज़ार्ड बच्ची को लेने बिस्तर पर आता है। जब वह बच्ची के ऊपर से चादर हटाता है तो उसे बच्ची की जगह सूअर का बच्चा दिखाई देता है। वह ग़ुस्से से पागल हो जाता है और समझ जाता है कि उस बच्ची को रूबी ने कहीं छिपा दिया है। वह रूबी के पीछे भागता है। रूबी कैथरीन को अपनी गोद में उठाकर पहाड़ी के ऊपर चढ़ने लगती है कि तभी डग उसे देख लेता है। वह रूबी के पास आकर कहता है कि वह उसे बच्ची लौटा दे। डग का ध्यान बँटता है और उसी समय लिज़ार्ड उस पर ऊपर से कूद पड़ता है। वह डग को बहुत मारता है। लिज़ार्ड अपनी कमर के इर्द-गिर्द बंधी गोलियों की बेल्ट निकालता है और उससे डग को बुरी तरह मारता है। वह उसे ज़मीन पर पटक-पटक कर अधमरा कर देता है। फिर वह रूबी के पीछे लग जाता है। डग अधमरी हालत में अपनी अंगुली में अपनी शादी की अंगूठी देखता है। वह बेहद घायल होने पर भी अपनी पूरी ताक़त इकट्ठा करता है और लिज़ार्ड के पीछे शॉटगन लेकर चल देता है। लिज़ार्ड रूबी के पास आ जाता है और उससे कैथरीन को ग़ुस्से से छीनने लगता है। इस छीनाझपटी में रूबी का पैर फिसल जाता है और वह कैथरीन के साथ कुछ पत्थरों पर लुढ़क जाती है। इससे पहले कि लिज़ार्ड कुछ समझ पाता, डग आकर उसके मुँह पर अपनी बंदूक का बट मारता है। वह उसके सीने में गोली मारता है और उसके गले पर भी गोली मारता है। लिज़ार्ड का शरीर ख़ून से नहा जाता है और वह पीछे हटने लगता है। इस पर भी डग रुकता नहीं और वहशियों की तरह उसे मारने लगता है। लिज़ार्ड अधमरा होकर गिर जाता है। रूबी कैथरीन को डग के हवाले कर देती है। डग अपनी शॉटगन नीचे रखकर कैथरीन को हाथों में ले लेता है और उसे पुचकारने लगता है। इसी बीच लिज़ार्ड अपनी रही-सही ताक़त के साथ उठता है और डग की शॉटगन उठाकर उसपर निशाना साधने लगता है। डग को तो पता नहीं होता लेकिन रूबी उसे देख लेती है। वे पहाड़ी की काफ़ी ऊँचाई पर हैं यह जानते हुए भी रूबी लिज़ार्ड पर झपट पड़ती है और उसे अपने साथ-साथ पहाड़ी से नीचे गिरा देती है। बहुत ऊँचाई से गिरने पर लिज़ार्ड और रूबी दोनों की मौत हो जाती है।

डग कैथरीन को वापस ले आता है तथा बॉबी और ब्रेण्डा से आकर मिलता है। तीनों एक-दूसरे को पाकर बेहद ख़ुश होते हैं। उनके साथ इस ख़ुशी में कोई और भी शामिल है। वह है बीस्ट। दूर कोई अब भी उन पर दूरबीन से नज़र गड़ाए हुए है।

समीक्षा

फ़िल्म ‘द हिल्स हैव आइज़’ वेस क्रेवन द्वारा सन् 1977 में बनाई गई थी। इस फ़िल्म को निर्देशक अलेक्ज़ेंडर आजा ने बहुत ध्यान से देखा था और उसी समय से वे चाहने लगे थे कि क्या वे इस फ़िल्म और बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने सन् 2006 में इस फ़िल्म का रीमेक बनाया जिसका कथा-संक्षेप हमने अभी पढ़ा। सच है फ़िल्म इतनी भयानक है कि किसी भी पल आप अपने डर से मुक्ति नहीं पा सकते। इसका निर्देशन बेहतरीन है और पात्रों ने शानदार अभिनय किया है। टेड लिवाइन वैसे ही 'साइलेंस ऑफ़ द लैंब्स' में बफ़लो बिल के नाम से बेहद चर्चित रह चुके हैं और अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं। एरोन स्टैन्फ़ोर्ड ने टैडपोल जैसी मानव मानसिकता की अनबूझ पहेलियों को उजागर करने वाली फ़िल्म में सिगरनी वीवर्स जैसी चर्चित अभिनेत्री के साथ प्रमुख भूमिका निभाकर अपने अभिनय की धाक जमाई थी। फ़िल्म की गति बेहद तेज़ है और एक समय पर यह इतनी प्रवाहमय हो जाती है कि दर्शक भी उसकी चाल के साथ-साथ अपनी समझ के घोड़े दौड़ाने लगते हैं।

किसी ज़माने में इस जगह में बहुत से माइनर रहा करते थे। बाद में, परमाणु बमों का परीक्षण करने की होड़ में अमरीका सरकार ने इस जगह को नाभिकीय परीक्षण क्षेत्र घोषित कर दिया। उस समय यहाँ रहने वाले माइनरों से अनुरोध किया गया था कि वे बाहर निकल जाएँ। बहुतों ने वह स्थान छोड़ दिया लेकिन उनमें से बहुत-से ऐसे भी थे जिन्होंने इस बात पर यक़ीन नहीं किया। जेब ज्यूनियर जिसने बॉब को इस स्थान का पता बताया था असल में वह ख़ुद ही इन हैवानों का बाप था। बाद में उसे अपने किए का पछतावा होने लगा क्योंकि उसने अपने जीवन में सैकड़ों लोगों को ग़लत रास्ता बताकर उन वहशियों के बीच मरने के लिए भेज दिया था। इसके बदले में वे लोग उसे लूटा हुआ धन दिया करते थे। ज्यूपिटर भी किसी समय में उस इलाक़े में माइनर का काम करता था और कुछ लोगों की तरह वह भी जगह छोड़ कर नहीं गया। बाद में नाभिकीय परीक्षणों की वजह से वहाँ रहने वाले बहुत-से लोगों में शारीरिक बदलाव और विकृ्तियाँ आने लगीं। बहुत-से परिवार मर गए और कुछ ज़िंदा बच गए। भूख तो सभी को लगती है लेकिन इन लोगों ने मानव माँस से अपनी भूख मिटानी शुरु कर दी और जल्द ही वे आदमख़ोर बन गए।

दुनियाँ में खोजने पर सबकुछ मिल सकता है चाहे वह सबसे अच्छा हो या सबसे बुरा। पापा ज्यूपिटर का परिवार भी ऐसा ही एक उदाहरण है जो नैतिक और सामाजिक बंधनों तथा मानवीय संवेदनाओं से पूरी तरह हीन है। उनका जीवन-यापन पशुओं के जैसा है। उन्होंने न तो कभी शिक्षा पाई है और न ही उनके धर्मावलंबी या आस्तिक होने का कोई सबूत मिलता है। सच कहा जाए तो ये परिवार पूरी तरह से अनैतिक और अमानवीय कार्यों में लिप्त है। इनमें भावना नाम की कोई चीज़ नहीं है और ये मानवीय मूल्यों तथा मानव जीवन का कोई अर्थ और महत्व नहीं समझते। ज्यूपिटर के परिवार का किरदार निभाने वाले पात्रों ने इतना शानदार अभिनय किया है कि दर्शकों को उनके कृत्य देखकर उनसे घृणा होने लगती है। फ़िल्में हमारी मानसिकता और हमारी भावनाओं पर हावी हो जाती हैं और ख़त्म होने से पहले कोई-न-कोई संदेश दे जाती हैं। कार्टर परिवार का साहस, उनका संघर्ष, और अपने परिवार के सदस्यों की ज़िंदगी बचाने की चाहत यह बताती है कि जो सबसे अच्छा है वह भी इंसान है, ऐसा इंसान जिसमें सामाजिकता, पारिवारिक मूल्य, नैतिकता, इच्छाशक्ति, सहयोग, समर्पण जैसे सात्विक गुण भरे हुए हैं। दूसरी ओर ज्यूपिटर के परिवार के सदस्यों को देखिए जिनमें क्रूरता, दुःसाहस, नृशंसता और वीभत्सता जैसे तामसिक गुण भरे हुए हैं। दूसरी ओर यह भी बात साफ़ होती है कि हम जैसे लोगों के संपर्क में आते हैं तो कभी-कभी हमारी मजबूरी बन जाती है कि हम उनकी तरह ही व्यवहार करने लगें। संपर्क से बड़ा भयंकर संक्रमण फैलता है। कार्टर परिवार भी इससे अछूता नहीं रह सका, उन्होंने भी पहले मानव मानसिकता का परिचय देते हुए कई घाव सहे लेकिन जब वे समझ गए कि इस तरह काम नहीं बनेगा तो उन्हें भी अपने अंतर्मन में छिपे पशु को जगाना पड़ा। पशुता मानव का मूल स्वभाव है और समय पाकर वह प्रकट हो ही जाता है विशेष रूप से तब, जबकि हम ऐसे किसी के संपर्क में आते हैं जो अंदर और बाहर दोनों से पशु है। दूसरी ओर रूबी जैसी लड़की भी है जो वहशियों के बीच रहने के बावजूद भी उन जैसी नहीं है। चहरे की विकृति तो उसे विरासत में मिली है लेकिन उस चेहरे के पीछे एक अच्छी आत्मा भी है जो उसे घृणित कार्य करने से रोकती है। यह फ़िल्म रोचक होने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सीखें दे जाती हैं और वह है कि हम कभी-भी नितांत अकेले नहीं हो सकते, कोई ऐसा अवश्य होता है जिसकी हम पर नज़र होती है, फिर चाहे वह भगवान हो या फिर हैवान।